महंत नरेंद्र गिरि की हत्या ! हिरासत में लिए गए आनंद गिरी बोले- मुझे फंसाने की साजिश

Mahant Narendra Giri president of Akhara Parishad passed away
महंत नरेंद्र गिरि की हत्या ! हिरासत में लिए गए आनंद गिरी बोले- मुझे फंसाने की साजिश
महंत की संदिग्ध मौत महंत नरेंद्र गिरि की हत्या ! हिरासत में लिए गए आनंद गिरी बोले- मुझे फंसाने की साजिश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश भर में अपने बयान से सुर्खियों में रहने वाले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनका शव अल्लापुर में बांघबरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला है। मौत के बाद उनके कमरे से एक तलाशी के दौरान एक सुसाइड बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में उनके एक शिष्य का जिक्र किया गया है, जिसने महंत नरेंद्र गिरि को मानसिक तौर पर परेशान किया था। 

उत्तर प्रदेश के ADG (क़ानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि तुरंत कार्रवाई करते हुए हमने आनंद गिरि को उत्तराखंड पुलिस की सहायता से हरिद्वार से हिरासत में लिया। एक टीम वहां भेजी जा रही है जो पूर्ण सुरक्षा के बीच उसको लाएगी और आगे की पूछताछ इसमें की जाएगी। वहीं, आनंद गिरि का कहना है कि नरेंद्र गिरि की हत्या की गई है और मुझे फंसाने की साजिश रची जा रही है। फोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। पता चला है कि शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम से मौत की वजह साफ होगी। सुसाइट नोट की हैंड राइटिंग की भी जांच होगी।

पुलिस को इस बारे में शाम करीब 5 बजकर 20 मिनट पर सूचना मिली थी। पुलिस के मुताबिक बाघंबरी मठ में जहां महंत नरेंद्र गिरि का शव फंदे से लटकता मिला, वहां चारों तरफ से दरवाजे बंद थे। कमरे का मुख्य दरवाजा भी अंदर से बंद था। पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर इसे आत्महत्या बताया है। पुलिस ने जांच के लिए मौके पर फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया है। अब वहां से सुराग और सबूत जुटाए जा रहे हैं।

प्रयागराज आईजी के.पी. सिंह ने कहा, मुझे आश्रम से फोन आया कि महाराज (महंत नरेंद्र गिरि) फंदे से लटक गए हैं। जब हम यहां आए तो देखा कि महाराज ज़मीन पर लेटे हुए थे। रस्सी पंखे में फंसी हुई थी। उनकी मृत्यु हो चुकी थी। प्रथम दृष्टया ये सुसाइड का मामला लग रहा है। उनका(महंत नरेंद्र गिरि) सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि मैं बहुत से कारणों से दुखी था इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। मामले में जांच जारी है। 

पीएम मोदी ने कहा, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। वहीं, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, इस समाचार से सिर्फ मैं ही नहीं भक्त भी दुखी हैं। उन्होंने मुझे सदैव प्यार दिया। विश्वास नहीं हो रहा की वह आत्महत्या कर सकते हैं। अगर किसी ने ऐसी स्थिति पैदा की है तो उसे बख़्शा नहीं जाएगा। स्थिति जानने के लिए प्रयागराज जा रहा हूं। 

 

 

 

 

 

 

 

 

हरिद्वार में आनंद गिरि ने कहा, हत्या की गई है

आइजी जोन ने बताया कि सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है कि वह सम्मान से जीवन जीते रहे लेकिन अब अपमानित होकर जीना पड़ रहा है। सुसाइड नोट में शिष्य से दुखी होने की बात है।  इस बीच खबर है कि महंत से विवाद के बाद सुर्खियों में आए शिष्य नरेंद्र गिरि ने इस घटना को कत्ल करार दिया है और कहा कि यह बड़ी साजिश है। उन्हें प्रताडित कर मरने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें मेरा नाम सुसाइड नोट में लिखने के लिए मजबूर किया गया। इसकी जांच होनी चाहिए। इस बीच प्रयागराज में भाजपा नेता विजय द्विवेदी ने  कहा कि नरेंद्र गिरि मजबूत मानसिक शक्ति वाले थे। वह आत्महत्या नहीं कर सकते। इस घटना की सीबीआइ जांच हो।महंत की मौत की खबर फैलने पर शहर भर से उनके भक्त मठ पर जुट गए। पुलिस को भीड़ को संभालने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। मठ के भीतर अभी केवल आला पुलिस अधिकारी और फोरेंसिक टीम हैं।

संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत स्वामी नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य चर्चित योग गुरू आनंद गिरि के बीच पिछले दिनों विवाद सुर्खियों में रहा है। आनंद गिरि को अखाड़ा परिषद तथा मठ बाघंबरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया गया था। तब दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी किए थे। तमाम साधु संत ने महंत नरेंद्र गिरि का समर्थन किया था। नरेंद्र गिरि ने कहा था कि आनंद  गिरि माफी मांगे तब उनके बारे में कुछ सोचा जा सकता है। बाद में आनंद  गिरि ने माफी मांग ली थी। हालांकि, उनका निष्कासन वापस नहीं किया गया।

Created On :   20 Sept 2021 6:38 PM IST

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