मध्य प्रदेश: लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू, 10 साल तक की कैद का प्रावधान, 6 महीने में विधानसभा से पास कराना होगा

Madhya Pradesh: Law implemented against Love Jihad, provision of imprisonment for 10 years
मध्य प्रदेश: लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू, 10 साल तक की कैद का प्रावधान, 6 महीने में विधानसभा से पास कराना होगा
मध्य प्रदेश: लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू, 10 साल तक की कैद का प्रावधान, 6 महीने में विधानसभा से पास कराना होगा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ बनाया गया ‘धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020’ लागू कर दिया गया है। खास बात ये रही कि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मंजूरी के 48 घंटे बाद ही इस कानून को लागू कर दिया गया है। बता दें कि शिवराज कैबिनेट के प्रस्ताव को लखनऊ भेजा गया था, जहां गुरुवार को राज्यपाल ने हस्ताक्षर किए। इसके बाद शनिवार को मप्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर उसकी प्रति प्रदेश के सभी कलेक्टरों और एसपी को भेज दी है। अब नए कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इस कानून के तहत प्रलोभन, बहलाकर, बलपूर्वक या धर्मांतरण करवाकर विवाह करने या करवाने वाले को एक से 10 साल तक के कारावास और 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि इसे 6 महीने में विधानसभा से पास कराना होगा।

अब तक यह हुआ
पिछले साल 29 दिसंबर को शिवराज सरकार ने कैबिनेट बैठक में अध्यादेश के ड्राफ्ट को अनुमोदन दे दिया था। इससे पहले उसे विधानसभा सत्र में लाना चाह रहे थे, लेकिन कोरोना में विधानसभा सत्र रद्द होने के कारण इसे विधानसभा में पेश नहीं किया जा सका था। इसके बाद ही अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया था।

यूपी में भी राज्यपाल आनंदी बेन ने ही मंजूरी दी
मध्यप्रदेश से पहले उत्तरप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लाया गया। यहां पिछले साल 26 नवंबर को आनंदी बेन ने ही मंजूरी दी थी। वहां विधानसभा सत्र नहीं होने के कारण अध्यादेश के माध्यम से कानून लागू किया गया, जबकि मध्यप्रदेश में विधानसभा सत्र प्रस्तावित था, लेकिन इसके स्थगित होने के कारण अब इसे अध्यादेश के रास्ते लाया गया है।

अध्यादेश के लागू होते ही शनिवार (9 जनवरी 2021) से मध्य प्रदेश में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन शून्य घोषित होगा और धर्म परिवर्तन करके किया गया विवाह भी शून्य घोषित होगा, लेकिन ऐसे विवाह के बाद पैदा हुई संतान वैध होगी और उसे अपने पिता की संपत्ति में अधिकार प्राप्त होगा। इसके अलावा ऐसी संतान और उसकी मां विवाह शून्य घोषित होने के बाद भी संतान के पिता से भरण पोषण प्राप्त कर सकेंगे।

कानून के मुख्य प्रावधान

  • बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबर्दस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान। यह गैर जमानती अपराध होगा।
  • धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।
  • बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है।
  • धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता-पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है।
  • सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
  • जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।
  • इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन भी रद्द होगा।
  • इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
  • पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण का हक हासिल करने का प्रावधान है।
  • आरोपी को ही निर्दोष होने के सबूत प्रस्तुत करना होगा।

कानून के मुताबिक अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक की सजा दी जाएगी. अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी.
 

Created On :   9 Jan 2021 8:53 PM IST

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