लाउडस्पीकर धार्मिक नहीं सामाजिक मुद्दा; सभी धर्मस्थलों से हटे, नहीं तो 4 को किसी की सुनेंगे नहीं

Loudspeaker is not a religious but social issue; Move away from all religious places
लाउडस्पीकर धार्मिक नहीं सामाजिक मुद्दा; सभी धर्मस्थलों से हटे, नहीं तो 4 को किसी की सुनेंगे नहीं
ऐतिहासिक सभा में राज ठाकरे ने दिया अल्टीमेटम लाउडस्पीकर धार्मिक नहीं सामाजिक मुद्दा; सभी धर्मस्थलों से हटे, नहीं तो 4 को किसी की सुनेंगे नहीं

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद । मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मराठवाड़ा सांस्कृतिक मंडल मैदान पर रविवार, 1 मई को आयोजित ऐतिहासिक सभा में कहा कि लाउडस्पीकर धार्मिक नहीं, सामाजिक मुद्दा है। अगर कोई उसे धार्मिक रंग देने की कोशिश करता है, तो हम भी धर्म का आधार ले सकते हैं। सवाल किया कि जब उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं, फिर महाराष्ट्र में क्यों नहीं हो सकता। सभी को समान धर्म होना चाहिए, तो हम हर बार क्यों भुगतें। उन्होंने कहा कि 3 मई को रमजान ईद है और मैं त्योहार में विवाद नहीं चाहता, लेकिन 4 मई से नहीं सुनेंगे। चेतावनी भी दी कि आसान भाषा में उन्हें अगर समझ में नहीं आता होगा, तो एक मर्तबा हो जाने दो। आइए दिखाते हैं कि महाराष्ट्र की कलाई में क्या ताकत है। 4 मई से हमारे कार्यकर्ता भी लाउडस्पीकर लगाकर दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। अपने पूरे भाषण में राज भाजपा-शिवसेना-हिंदुत्व पर एक भी शब्द नहीं बोले।

पवार को हिंदू शब्द से ही एलर्जी 
राज ठाकरे ने सर्वप्रथम शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पुष्पहार अर्पित कर अभिवादन किया। इसके बाद उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार पर जमकर हमला बोला। आरोप लगाया कि उन्होंने महाराष्ट्र में जातियों मंें जहर फैलाया। उन्हें हिंदू शब्द से ही एलर्जी है। उन्होंने प्रबोधनकार ठाकरे की किताबें पढ़ीं होंगी, लेकिन वे अपने हिसाब से उनका अर्थ निकालते हैं। मेरे दादा प्रबोधनकार ठाकरे भट-भिक्षुकी के विरोध में थे, धर्म के नहीं। राकांपा बनने के साथ ही जात-पांत की नफरत शुरू हो गई। वह व्यक्ति जो छत्रपति शिवाजी महाराज को न केवल महाराष्ट्र बल्कि भारत के हर घर में लाए, वह बाबासाहब पुरंदरे ब्राह्मण थे, इसलिए पवार ने उन्हें बुढ़ापे में भी परेशान किया। सवाल उठाया कि रायगढ़ पर शिवाजी महाराज की समाधि लाेकमान्य तिलक ने बनाई, तो क्या आप इसे ब्राह्मण के रूप में देखेंगे। कहा कि पवार ने मेरे सवाल करने से पहले कभी भी अपनी सभा में शिवाजी महाराज का जिक्र नहीं किया। आज उन्हें शिवाजी महाराज भी याद आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस सबसे आज महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। जिस महाराष्ट्र ने संपूर्ण देश को विचार दिया, उसका नुकसान हो रहा है। महाराष्ट्र ने देश को सबसे ज्यादा समाज सुधारक और विचारक दिए, लेकिन आज कोई इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है।

जिस दिन शिवराया हमारे तन-मन में समा जाएंगे, वही सच्चा मराठा शासन होगा
ठाकरे ने कहा कि ऐतिहासिक संभाजी नगर पर बात करता हूं। यहां हर तरह की दिक्कत है, पानी 10-10 दिन बाद आ रहा है। यह किसके कारण हुआ, यह लोग समझ रहे हैं। साथ ही महाराष्ट्र दिवस मानते समय महाराष्ट्र को समझना जरूरी है। जो समाज इतिहास भूलता है, उसके पैर के नीचे से जमीन खिसकती है। भूगोल खिसकता है। हम कौन हैं मराठी हैं। सभी से निवेदन है कि अपनी घोषणा और अपनी भाषा पर बात करनी है। जिस दिन शिवराया हमारे तन-मन में समा जाएंगे, वही सच्चा मराठा शासन होगा क्योंकि, छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक प्रेरणा हैं। उनके विचार और प्रेरणा कभी खत्म नहीं होगी।
 

 

Created On :   3 May 2022 10:39 AM IST

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