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Inside Story: LJP में बढ़ती जा रही है रार, चिराग पासवान को लेकर बीजेपी चुप क्यों है ?
डिजिटल डेस्क, पटना। लोक जनशक्ति पार्टी में फूट के बाद इन दिनों बिहार में सियासी हलचल मची है। खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान मुसीबत में हैं। LJP में पड़ी फूट बढ़ती जा रही है। बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान ने चाचा पशुपति कुमार पारस और बगावत करने वाले चारों सांसदों को पार्टी से निलंबित कर दिया है। वहीं, पशुपति समर्थित नेताओं ने मंगलवार को पार्टी संविधान का हवाला देते हुए चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। अचानक ऐसा क्या हुआ जो चिराग पासवान के खिलाफ बगावत के सुर बुलंद हो गए, चलिए जानते हैं...
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रहे चिराग पासवान ने NDA में रहते हुए नीतीश कुमार की पार्टी JDU (जनता दल यूनाइटेड) के खिलाफ अभियान छेड़ दिया था। उन्होंने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते हुए लोगों से बीजेपी के प्रत्याशियों के पक्ष में वोट करने की अपील की थी। यही वो वक्त था जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आंखों में चिराग खटकने लगे थे। लोक जनशक्ति पार्टी के इस आंतरिक मामले पर जनता दल यूनाइटेड चिराग पासवान के खिलाफ बयान दे रही है। वहीं, बीजेपी ने मौन धारण कर लिया है। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि चिराग पासवान को लेकर बीजेपी चुप क्यों है ?
चिराग पासवान से नीतीश की पार्टी को हुआ नुकसान
बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की वजह से नीतीश कुमार की पार्टी को नुकसान हुआ था। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल 75 सीट जीतने के साथ पहले स्थान पर रही है। जबकि 74 सीटों के स्थान बीजेपी को दूसरा स्थान मिला। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति की वजह से नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को काफी नुकसान हुआ। जेडयू को 43 सीटों पर जीत हासिल हुई। वहीं, LJP ने सिर्फ एक सीट जीती।
तो इसलिए चिराग पर चुप है बीजेपी
लोक जनशक्ति पार्टी और जनता दल यूनाइटेड दोनों NDA के सदस्य हैं। अब सवाल ये उठता है कि अपनी सहयोगी पार्टियों के बीच मची इस जंग पर बीजेपी चुप क्यों है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने इसे LJP का आंतरिक मामला करार दिया है। उन्होंने यह कहकर बीजेपी का रूख स्पष्ट कर दिया है कि LJP अलग पार्टी है और उसके आंतरिक मामले पर बीजेपी कोई टिप्पणी नहीं करेगी। राजनीति के जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल चुनाव हराने के बाद बीजेपी बैकफुट पर है। वहीं, जेडीयू अब फ्रंटफुट पर आकर खेल रही है। बीजेपी चिराग पासवान का समर्थन कर बिहार में अपनी स्थिर सरकार को खतरे में डालना नहीं चाहेगी। क्योंकि नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच नाराजगी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। वहीं, दूसरी लालू प्रसाद यादव भी जेल से बाहर आ चुके हैं। बिहार की राजनीति में उलटफेर करने में माहिर लालू मौके का फायदा उठाकर बिहार में बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार गिराने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में बीजेपी की चिराग से सहानुभूति बिहार में एनडीए सरकार पर भारी पड़ने की आशंका है।
Created On :   16 Jun 2021 10:09 AM IST