नई वस्त्रोद्योग नीति से खुल सकेंगे बंद कपड़ा मिलों के ताले

Locks of closed textile mills will be able to open with the new textile industry policy
नई वस्त्रोद्योग नीति से खुल सकेंगे बंद कपड़ा मिलों के ताले
महाराष्ट्र नई वस्त्रोद्योग नीति से खुल सकेंगे बंद कपड़ा मिलों के ताले

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह ‘कौशिक’। राज्य की आधी से अधिक सहकारी कपड़ा मिले कुप्रबंधन के चलते बंद पड़ी हुई हैं। अब राज्य सरकार की नई वस्त्रोद्योग नीति में इन बंद कपड़ा मिलों को फिर से शुरु करने के लिए पॉलिसी तैयार की जाएगी। बंद मिलो के फिर से शुरु होने से करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। 

राज्य में 165 सहकारी कपड़ा मिले हैं। इनमें से अधिकांश कपड़ा मिले पश्चिम महाराष्ट्र व विदर्भ में हैं। वस्त्रोद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि राज्य की 165 सहकारी मिलो में से फिलहाल 72 मिले ही चल रही हैं। बाकी 93 मिले आर्थिक नुकसान के चलते बंद पड़ी हुई हैं। अधिकारी के मुताबिक ये मिले कुप्रबंधन के चलते बंद हुई हैं। इस संबंध में वस्त्रोद्योग विभाग के प्रधान सचिव पराग जैन ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि इस साल आने वाली नई वस्त्रोद्योग नीति में बंद सहकारी मिलो को फिर से शुरु करने के लिए जरुरी प्रावधान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जरुरत पडी तो इन मिलो को निजी क्षेत्र को सौंपा जाएगा जिससे इन बंद पड़ी मिलो में फिर से उत्पादन शुरु हो सके। बंद मिलो के फिर से शुरु होने से प्रत्येक मिल में दो से तीन हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही इससे कपास उत्पादक किसानों को भी लाभ होगा। 
                 

कपड़ा उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले पायदान पर है। राज्य में 22 लाख पॉलरलूम हैं जबकि दूसरे क्रमांक वाले राज्य तमिलनाडू में पॉलरलूम की संख्या सिर्फ सात लाख है। हर पांच साल में वस्त्रोद्योग विभाग इस क्षेत्र के लिए नई नीति तैयार करता है। इसके पहले 2018 में वस्त्रोद्योग नीति पेश की गई थी। फिलहाल नई वस्त्रोद्योग नीति तैयार करने का कार्य चल रहा है। 

पराग जैन,  प्रधान सचिवः वस्त्रोद्योग विभाग के मुताबिक नई वस्त्रोद्योग नीति का मसौदा मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद विधान मंडल के नागपुर शीतकालिन सत्र में पेश किया जाएगा। नई वस्त्रोद्योग नीति में बंद पडी राज्य की सहकारी मिलो को फिर से शुरु करने में मदद मिलेगी।’

महाराष्ट्र में सहकारी वस्त्रोद्योगः एक नजर में 
•    सूत मिल  287
•    पॉवरलूम 1604
•    हैंडलूम    644

Created On :   23 July 2022 8:04 PM IST

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