पांच गांवों का पशुधन लम्पी की चपेट में , 44 गांव सतर्कता क्षेत्र घोषित  

Livestock of five villages in the grip of lumpi, 44 villages declared as vigilance zone
पांच गांवों का पशुधन लम्पी की चपेट में , 44 गांव सतर्कता क्षेत्र घोषित  
चिंता से घिरे पशुपालक पांच गांवों का पशुधन लम्पी की चपेट में , 44 गांव सतर्कता क्षेत्र घोषित  

 डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  इस समय महाराष्ट्र में गोवंश पर लम्पी त्वचा बीमारी का प्रकोप देखा जा रहा है। चंद्रपुर जिले के पशु रोग से संक्रमित पाए गए हैं। इस रोग के कारण जिले के पांच गांव मौजा चंद्रपुर, वरोरा तहसील का एकार्जुना, सावली तहसील का निफंद्रा, भद्रावती तहसील के घोड़पेठ और मोहबाला को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया है। मौजा चंद्रपुर को संक्रमित क्षेत्र घोषित करने के कारण प्रकोप स्थल से पांच किलोमीटर के दायरे को सतर्कता क्षेत्र घोषित किया गया है। इस सतर्कता क्षेत्र में मौजा चंद्रपुर का दाताला, कोसरला, नेरी व चोराला और भद्रावती तहसील के मुरसा गांव शामिल है। 

मौजा एकार्जुना परिसर के पांच किमी सतर्कता क्षेत्र में बोर्डा, वरोरा, जामगांव (खु.), जामगांव (बु.), सुर्ला, परसोड़ा, खैरगांव, शेंबल, वनोजा, आनंदवन इन गावों का समावेश है। मौजा निफंद्रा परिसर के सतर्कता क्षेत्र के अंतर्गत अंतरगाव, अंतरगाव टोला, निमगाव, चिखली, बारसागड, गायडोंगरी, मेहा बुज, गेवरा खुर्द, गेवरा बुज, कसरगांव, चकवीलखल टोला, डोंगरगाव मस्के इन गावों का समावेश है। मौजा घोड़पेठ परिसर के सतर्कता क्षेत्र में नुन्हारा चालबर्डी, गुंजाला, घोटनिंबाला, कुडराला, गोरजा, चपराला, सायवन, लोणारा रीट (गोंडलोणारा), कचराला इन गांवों का समावेश है।  मौजा भद्रावती व मौजा मोहबाला परिसर के रोग के प्रकोप के स्थान से पांच किलोमीटर का परिसर सतर्कता क्षेत्र के तहत कुनाडा, मानोरा, कुरोडा, पिपरबोडी, कढोली, बराज मोकासा व चिरादेवी इन गांवों का समावेश है। इन परिसर के गांवों में संक्रमित पशुओं को छोड़कर अन्य गोवंश का टीकाकरण किया जाना चाहिए। 

चंद्रपुर जिले के पशु बाजार, यात्रा, पशुप्रदर्शन आदि अगले आदेश तक स्थगित कर दिए गए हैं। संबंधित ग्राम पंचायतें प्रभावित क्षेत्रों में  और बीमारी फैलाने वाले मच्छरों, मक्खियों आदि को नियंत्रित करने के लिए दवा का छिड़काव करें। लम्पी को रोकने के लिए, जिले की सभी ग्राम पंचायतें, नगर परिषद व मनपा के माध्यम से आवारा पशुओं का नियमित निरीक्षण करना चाहिए। साथ ही संक्रमित पशुओं की भी देखभाल करें। इन नियमों के अनुसार कार्य नहीं करने वाले और नियमों का उल्लंघन करने वाले पशुपालक, व्यक्ति, संस्था प्रतिनिधि के खिलाफ मामला दर्ज करने एवं कार्रवाई  प्रस्तावित करने के लिए पशुधन विकास अधिकारी को प्राधिकृत किया जा रहा है, ऐसे आदेश जिलाधिकारी अजय गुल्हाने ने दिए हंै।
 

Created On :   21 Sept 2022 1:39 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story