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बीच जंगल में करंट लगाकर तेंदुआ का शिकार, शोधार्थियों ने वन विभाग को दी जानकारी
- प्रोफेसर की सूचना पर वन विभाग के अफसर टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
- पूरे घटनास्थल का बारीकी के साथ शाम साढ़े 5 बजे तक निरीक्षण किया गया।
डिजिटल डेस्क, सतना। वन मंडल अंतर्गत आने वाले चित्रकूट परिक्षेत्र में एक पूर्ण वयस्क 5 साल का नर तेंदुआ का शव मिलने से शोध के लिए जंगल गए शोधार्थियों के बीच दहशत फैल गई। प्रोफेसर की सूचना पर वन अफसर टीम के साथ मौके पर पहुंचे। प्रथम दृष्टया मामला शिकार का लग रहा है। तेंदुआ के शव के आसपास सेही के कांटे बिखरे पड़े मिले हैं। फिलहाल वन अधिकारियों ने मृत तेंदुआ को अपनी कस्टडी में रख लिया है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद मौत के स्पष्ट कारणों का पता चलने की बात उप वन मंडलाधिकारी कर रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक वनस्पति विभाग के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र सिंह के नेतृत्व में गुरुवार को ग्रामोदय विश्वविद्यालय के छात्रों की एक 6 सदस्यीय टीम करीब साढ़े 12 बजे अनुसुइया आश्रम जंगल में शोध के लिए गई हुई थी। बताते हैं कि जैसे ही टीम अनुसुइया आश्रम जाने वाली सड़क से 50 मीटर अंदर अनसुइया बीट के कक्ष क्रमांक पी-17 के जंगल में पहुंची तो झूरी नदी के पास तेंदुआ दिखाई दिया। तेंदुआ को देख छात्रों के बीच दहशत फैल गई लेकिन ध्यान से देखने पर तेंदुए के शरीर में कोई हलचल नहीं होने पर जब टीम दबे पैरों उसके पास पहुंची तो पता चला कि तेंदुआ मृत था और उसका एक पैर जख्मी और शरीर के आसपास सेही के कांटे पड़े थे।
मौके पर पहुंचे अधिकारी:———-
विश्वविद्धालय के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र सिंह ने तत्काल इसकी सूचना चित्रकूट वन परिक्षेत्र अधिकारी संजय सिंह दी। ये भी इत्तफाक रहा कि जब फोन आया तो उस समय चित्रकूट रेंजर सतना वन मंडल कार्यालय में चल रही मीटिंग में शामिल रहे। रेंजर ने डीएफओ विपिन पटेल समेत बैठक में शामिल सभी अधिकारियों को घटना से अवगत कराया। जिस पर वन मंडलाधिकारी विपिन पटेल ने रेंजर को चित्रकूट जाने और घटना के बारे में जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए और उनके जाने के तुरंत बाद ही डीएफओ श्री पटेल एसडीओ डॉ. लाल सुधाकर सिंह और व्हाइट टाइगर सफारी एंड जू सेंटर के पशु चिकित्सक डॉ. राजेश तोमर के साथ चित्रकूट पहुंच गए। जहां पर पूरे घटनास्थल का बारीकी के साथ शाम साढ़े 5 बजे तक निरीक्षण किया गया।
करंट फैलाने में उपयोग की जाने वालीं खूटियां बरामद
उप वन मंडलाधिकारी डॉ. लाल सुधाकर सिंह ने बताया कि सूचना सेही और तेंदुआ के बीच संघर्ष को लेकर मिली थी लेकिन जब मौके पर पहुंचे तो वहां के हालात कुछ और ही इशारा कर रहे थे। तेंदुआ का जहां शव पड़ा हुआ था, वहां आसपास सेही के कांटे तो अवश्य फैले रहे लेकिन डॉ. तोमर ने तेंदुआ के शव का जब परीक्षण किया तो तेंदुआ का आगे वाला दाहिना पैर जख्मी मिला। जिससे ये पता चला कि इसकी मृत्यु सेही से नहीं बल्कि करंट लगने से हुई होगी। संदेह के आधार पर वन विभाग की टीम ने आसपास का सर्वे किया तो भारी मात्रा में लाइन से लगी हुईं खूटियां मिलीं, जिन पर तार बांधे जाने के ताजे निशान रहे। बताया जाता है कि तेंदुआ की मौत बुधवार की दरमियानी रात हो गई थी और गुरूवार की सुबह शिकारी विद्युत तार हटाकर तेंदुआ के शव को ठिकाने लगाने जा रहे थे कि तभी ग्रामोदय विवि की टीम पहुंच गई और शिकारी भाग खड़े हुए।
डॉ. लाल सुधाकर सिंह उप वन मंडलाधिकारी चित्रकूट ने कहा -प्रथम दृष्टया मामला करंट से मौत होने का लग रहा है। सेही तेंदुआ को नहीं मार सकती। स्पष्ट स्थिति पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगी। शुक्रवार को पैंथर का पीएम कराया जाएगा।
Created On :   10 Dec 2021 5:21 PM IST