हनीट्रैप केस: कमलनाथ सरकार ने जिन दो अफसरों को SIT से हटाया, भाजपा ने उन्हें फिर दी जांच की जिम्मेदारी

Kamal Nath government removed two officers from SIT
हनीट्रैप केस: कमलनाथ सरकार ने जिन दो अफसरों को SIT से हटाया, भाजपा ने उन्हें फिर दी जांच की जिम्मेदारी
हनीट्रैप केस: कमलनाथ सरकार ने जिन दो अफसरों को SIT से हटाया, भाजपा ने उन्हें फिर दी जांच की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के सियासी हलकों में हलचल मचा देने वाले हनीट्रैप मामले में जांच के लिए गठित SIT में दो आईपीएस अधिकारियों के शामिल किए जाने से एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। जानकारी अनुसार गृह विभाग ने कमेटी में डीआईजी पुलिस मुख्यालय रुचि वर्धन मिश्रा और डिप्टी डायरेक्टर पुलिस अकादमी विनीत कपूर को सदस्य बनाए जाने का आदेश जारी किया है। ये वहीं अफसर हैं जिन्हें कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने SIT से हटा​ दिया था।

बता दें कि इंदौर डीआईजी रहते हुए रुचि वर्धन मिश्रा को SIT का सदस्य बनाया गया था, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद उन्हें SIT से हटा दिया गया था। अब एक बार फिर राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। ऐसे में उन्हें SIT का सदस्य बनाए जाने से मामले से जुड़े आरोपियों के लिए मुसिबत बढ़ गई है। वर्तमान में SIT चीफ एडीजी विपिन माहेश्वरी हैं।

बता दें ​कि अक्टूबर 2019 में राज्य की औद्योगि​क राजधानी इंदौर में हनीट्रैप मामले का खुलासा हुआ था, जब एक महिला ने नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह से तीन करोड़ मांगे थे और रकम न देने पर बदनाम करने की धमकी दी थी। इसके बाद हनीट्रैप मामले में कई नामचीन लोगों के नाम सामने आए, जिनमें राजनीति से जुड़े लोगों के नाम भी शामिल थे। जानकारी अनुसार अगस्त 2020 में SIT चीफ राजेंद्र कुमार ने हाईकोर्ट को बंद लिफाफे में करीब 40 आरोपियों के नाम सौंपे थे। तब से मध्यप्रदेश की सियासी गलियों में सरगर्मी तेज हैं। पुलिस मुख्यालय से लेकर मंत्रालय तक में इन नामों की चर्चा हो रही है, सूत्रों ने बताया कि इन नामों में कई राजनेता और आईएएस और आईपीएस अफसर शामिल हैं। 

ये है पूरा मामला
हनीट्रैप खुलासे के बाद पुलिस मुख्यालय ने सबसे पहले SIT का गठन किया था, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही SIT चीफ आईजी डी श्रीनिवास वर्मा को हटाया गया और एडीजी संजीव शमी को कमान सौंपी गई। संजीव शमी के नेतृत्व में जांच आगे बढ़ पाती उससे पहले ही सरकार ने राजेंद्र कुमार को SIT चीफ बना दिया। राजेंद्र कुमार की टीम में एडीजी मिलिंद कानस्कर, तत्कालीन डीआईजी इंदौर रुचि वर्धन मिश्रा शामिल थीं। बार-बार SIT चीफ बदले जाने पर हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए थे कि कोर्ट की अनुमति के बिना SIT में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा।

Created On :   9 Dec 2020 4:32 PM GMT

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