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अब मप्र में जनता नहीं पार्षद चुनेंगे महापौर, कैबिनेट ने लगाई कई प्रस्तावों पर मुहर
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डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। बुधवार को कैबिनेट बैठक में नगरीय एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब महापौर को जनता नहीं, बल्कि पार्षदों द्वारा चुना जाएगा। इस फैसले के बाद अप्रत्यक्ष तरीके से महापौर और नगर निगम के सभापति का चुनाव होगा। वहीं परिसीमन का कार्य चुनाव से दो महीने पहले हो जाएगा।
वहीं कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला लिया है। इसमें आपराधिक छवि वाले पार्षदों को छोड़ा नहीं जाएगा। दोषी पाए जाने पर 6 महीने की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इसके अलावा इंदौर-महू-मनमाड़ रेल लाइन बिछाने के लिए सरकार अंशदान देगी। वहीं उद्योगों को सस्ती बिजली देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
- महू से इंदौर 400 करोड़ की लागत से रेलवे लाइन बिछाई जाएगी।
- मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी में 650 पदों का खत्म किया जाएगा।
- आउटसोर्स या संविदा से पदों की नियुक्ति नहीं होगी।
- तीन माह से छह माह के बच्चों के लिए टेक होम रोशन की व्यवस्था आजीविका मिशन के तहत होगी।
- मोटर व्हीकल एक्ट में जो जुर्माना बढ़ाया गया है, उस अभी नहीं बढ़ाया जाएगा।
Created On :   25 Sept 2019 3:14 PM IST