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न्याय खरीदा जा सकता है, बेचे जा सकते हैं सरकारी वकील !
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा है कि यह मामला आभास कराता है जैसे न्याय खरीदा जा सकता है और न्यायाधीश व सरकारी वकील बेचे जा सकते है। न्यायमूर्ति भारती डागरे ने आरोपी एमए हुड्डा के जमानत आवेदन पर गौर करने के बाद पाया कि उसने एक महिला से उसके 20 साल के बेटे को जमानत दिलाने के नाम पर साढे सोलह लाख रुपए ले लिए हैं।
आरोपी हुड्डा ने महिला को आश्वासन दिया था कि वह पाक्सो कानून के तहत लगे आरोपों के मामले में जेल में बंद उसके बेटे को छुडवा देगा और उसका पक्ष में फैसला करा देगा। लेकिन जब ऐसा हो नहीं पाया तो महिला ने पालघर के मानिकपुर पुलिस स्टेशन में आरोपी हुड्डा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आरोपी हुड्डा को नौ अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया तब से वह जेल में है। लिहाजा उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था।
न्यायमूर्ति के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। आवेदन में आरोपी ने दावा किया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी हैऔर आरोपपत्र भी दायर किया जा चुका है। इसलिए मुझे जमानत दी जाए। न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़े आरोपपत्र पर गौर करने के बाद पाया कि आरोपी ने चार लाख रुपए चेक से लिए है। वैसे तो यह मामला धोखाधड़ी का है लेकिन इस प्रकरण की कथित धोखाधड़ी न्यायालय की कार्यवाही से जुड़ी है। लिहाजा प्रथम दृष्टया यह मामला बेहद गंभीर हो जाता है।
आमतौर पर यह देखा गया है कि कई बार पक्षकार अपने पक्ष में आदेश पाने के लिए लोगों से संपर्क करते है। जिसके बारे में पक्षकारों के वकीलो को पता भी नहीं होता है। लेकिन यह हरकत एक न्यायाधीश की छवि को धूमिल करती है। इस मामले में आरोपी की हरकत आभास कराती है कि जैसे न्याय बिकाऊ है और सरकारी वकील व न्यायाधीश बेचे जा सकते हैं। इस धाराण को रोकना जरुरी है। आरोपी पर गंभीर आरोप है। इसलिए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
Created On :   2 Oct 2021 5:40 PM IST