जम्मू-कश्मीर सरकार ने टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए परियोजना शुरू की

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
जम्मू जम्मू-कश्मीर सरकार ने टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए परियोजना शुरू की

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में किसानों की मदद करने और स्थायी कृषि को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। सरकार ने अगले पांच वर्षो में चलाए जाने वाले कार्यक्रमों में सहयोग के लिए 84 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है। यह पहल स्थायी कृषि, वाणिज्यिक कृषि और स्वस्थ खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है। एक बयान में कहा गया है, परियोजना जैविक कृषि क्षेत्र में 12,600 से अधिक नौकरियों और 300 उद्यमों के निर्माण की परिकल्पना करती है।

कार्यक्रम में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हस्तक्षेप की एक श्रृंखला शामिल है, जैसे कि एक क्लस्टर दृष्टिकोण में जैविक खेती का विस्तार, जैव-इनपुट का उत्पादन और पुनर्चक्रण, प्रमाणन और विपणन की सुविधा और किसानों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान करना। परियोजना का लक्ष्य कुल 2,000 हेक्टेयर भूमि को कवर करते हुए प्रति जिले छह से सात जैविक क्लस्टर बनाना है। इसका लक्ष्य अन्य 2,000 हेक्टेयर को जैविक उत्पादन में परिवर्तित करना है, जिसमें आला फसलें और डिफॉल्ट जैविक क्षेत्र शामिल हैं।

कार्यक्रम जैविक खेती में 10,000 किसान परिवारों को प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा और 200 वाणिज्यिक और 3,000 कम लागत वाली वर्मीकम्पोस्ट इकाइयों और 100 एकीकृत जैविक कृषि प्रणाली इकाइयों की स्थापना करेगा। इसके अलावा, उत्पादन समूहों के लिए जैविक आदानों की आपूर्ति के लिए दो जैव-इनपुट उत्पादन इकाइयां भी स्थापित की जाएंगी।

कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने कहा, परियोजना के कई सकारात्मक परिणाम होंगे, जो जम्मू-कश्मीर के भीतर जैविक उत्पादन में वृद्धि को बढ़ावा देंगे, जिसमें प्रशिक्षित जनशक्ति का विकास और क्षेत्र के अनुकूल प्रथाओं का एक पैकेज, समर्पित जैव-इनपुट उत्पादन सुविधाएं, प्रमाणन और ब्रांडिंग सुविधाएं और एक जैविक मूल्य/बाजार श्रृंखला शामिल हैं। उन्होंने कहा, जम्मू और कश्मीर में कई दूरस्थ क्षेत्र हैं, जहां कृषि में बहुत कम रासायनिक उपयोग किया जा रहा है।

इसके अलावा, इन क्षेत्रों में किसान आमतौर पर सीमांत और आर्थिक रूप से कमजोर हैं। जैविक खेती को बढ़ावा देने से इन किसानों की आजीविका सुरक्षित होगी और उनका रिटर्न में काफी सुधार हुआ। डुल्लू ने कहा, स्थायित्व के लिए वैकल्पिक कृषि प्रणाली उन 29 परियोजनाओं में से एक है, जिन्हें कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए यूटी-स्तरीय शीर्ष समिति द्वारा सिफारिश किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अनुमोदित किया गया था।

 

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   8 Feb 2023 11:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story