उम्रकैद की सजा से दंडित होने के 10 घंटे बाद विद्युत कंपनी के जेई की मौत, उल्टी-दस्त की शिकायत पर जिला अस्पताल में कराया गया था भर्ती
डिजिटल डेस्क, सतना। हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा से दंडित होकर जेल भेजे जाने के कुछ घंटों बाद ही बिजली कंपनी के जेई की मौत हो गई, जिससे भड़के परिजनों ने मारपीट का आरोप लगाकर जांच की मांग की है। पुलिस ने बताया कि 8 साल पहले सतना में तैनाती के दौरान जेई रोहित कुमार पिता श्यामकरण पटेल 38 वर्ष, निवासी गोदरी, थाना गढ़, जिला रीवा, पर गणेश प्रजापति नामक युवक की हत्या का अपराध सिविल लाइन थाने में दर्ज किया गया था, जिसमें 27 मार्च को न्यायालय ने उसे दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जेल भेजने का आदेश दे दिया।
जेल से भेजा गया अस्पताल
तब पुलिस टीम ने जिला अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया और रात करीब 9 बजे सेंट्रल जेल लेकर पहुंचे। इस बीच रोहित को कई बार उल्टी-दस्त हो चुका था, जिसकी जानकारी पुलिसकर्मियों ने जेल प्रशासन को दी, तो उसे फौरन एम्बुलेंस से इलाज के लिए भेज दिया गया। जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर डॉक्टर ने सजायाफ्ता जेई का उपचार शुरू किया, मगर तबीयत बिगड़ती चली गई और रात करीब सवा 3 बजे उसने दम तोड़ दिया। तब अस्पताल से कोलगवां थाने को तहरीर भेजकर मर्ग कायम कराया गया और मंगलवार सुबह जेएमएफसी शैलेन्द्र उइके की निगरानी में डॉ. सुनील कारखुर, डॉ. मनोज प्रजापति और डॉ. लोकेश सोनी ने शव का पोस्टमार्टम किया।
परिजन ने लगाया मारपीट का आरोप
हत्या के मामले में सजायाफ्ता जेई के मौत की सूचना पर सतना पहुंचे चाचा कमलेश पटेल समेत परिजनों ने आरोप लगाया कि शाम 5 बजकर 27 मिनट तक सजा सुनाई गई, तब वह अस्वस्थ था। जेल ले जाते समय भी कुछ गड़बड़ नहीं लगा, मगर चंद घंटों में उसकी जान चली गई। जेल में रोहित के साथ मारपीट की गई है, जिसके निशान पैर के तलवों पर मौजूद हैं। मौत के चार घंटे बाद जेल प्रशासन ने बीमार होने की खबर देकर बुलाया गया। आखिर सच्चाई क्यों छिपाई गई, इसकी भी जांच होनी चाहिए। मृतक के परिवार में पत्नी और एक साल की बेटी है।
हत्या के अपराध में पड़ी थी सजा
सिविल लाइन थाना अंतर्गत पतेरी पावर हाउस स्थित एमपीईबी कॉलोनी के आवास क्रमांक-7 में गणेश प्रजापति की लाश 20 फरवरी 2015 को पाई गई। उक्त आवास एमपीईबी के जेई रोहित पटेल को आवंटित था, उसकी तैनाती भी यहीं थी। जांच के दौरान प्रमाणित साक्ष्य मिलने पर पुलिस ने जेई के खिलाफ धारा 302, 201 और एससी-एसटी एक्ट की धारा 3 (2) का अपराध दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जहां से तीन माह बाद जमानत पर बाहर आ गया और तबादला रीवा के लिए करा लिया था। इस सनसनीखेज मामले में डीएनए रिपोर्ट, कॉल लोकेशन और प्रकरण का परिशीलन कर अदालत ने आरोपी को हत्या करने और सबूत मिटाने के अपराध का दोषी पाए जाने पर 27 मार्च को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। अदालत ने सजा भुगताए जाने के लिए आरोपी को केन्द्रीय कारागार भेज दिया था।
Created On :   28 March 2023 10:13 PM IST