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नाग नदी प्रोजेक्ट के 3 हिस्से, जापान की टीम करेगी सर्वे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नाग नदी प्रोजेक्ट के लिए जापान की संस्था जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन नाग नदी को स्वच्छ बनाने और सौंदर्यीकरण के लिए अलग-अलग आयामों पर सैंपलिंग और सर्वे प्रक्रिया कर रही है। इसके लिए नाग नदी के हर हिस्से पर सर्वे किए जा रहे हैं। बता दें कि नाग नदी में करीब 107 नाले मिलते हैं, जिससे यह नदी दूषित हो रही है। खास बात यह है कि जिका कंपनी इस प्रोजेक्ट के लिए सामाजिक स्तर पर सर्वे कर रही है, जिसमें वह नाग नदी के आसपास के रहने वाले रहवासियों से भी इस पर अपनी राय मांग रहे हैं। साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि प्रोजेक्ट में बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पर्यावरण पर किस तरह का असर होगा।
नागपुरवासी होंगे प्रभावित
नाग नदी प्रोजेक्ट में लोगों के विचार और प्रतिक्रिया पर भी सर्वे किया जा रहा है। जिका सोशल रिव्यू भी ले रही है, क्योंकि यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है जिससे नागपुरवासी भी प्रभावित होंगे। फिलहाल चुनाव और आचार संहिता के कारण कई विषयों पर चर्चा नहीं हो रही है। इस कारण प्रोजेक्ट गति में कमी आई है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर कार्य जारी है। जिका की टीम लगातार कंसल्टेशन के लिए मनपा के अधिकारियों से चर्चा करती रहती है। जारी प्रक्रिया का पूरा विवरण मनपा के पास नहीं है। इसकी रिपोर्ट जापानी सरकार को ही भेजी जाएगी।
सैंपलिंग हाेने के बाद भेजेंगे रिपोर्ट
सैंपलिंग पूरी होने के बाद रिपोर्ट जापान भेजी जाएगी और उसी के अाधार पर लोन मिलेगा। लोन मिलने के बाद काम को अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाएगा और काम शुरू होगा। प्राेजेक्ट के लिए कुछ जमीन एनआईटी और वीएनआईटी के अंतर्गत है। सर्वे होने के बाद ही सभी विषयों पर काम किया जाएगा।
सीधे नहीं मिलेंगे मनपा को रुपए
यह प्रोजेक्ट मिनिस्ट्री ऑफ इनवायरमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज की नेशनल रीवर कंजर्वेशन डायरेक्टरेट केंद्र के अंतर्गत होगा। प्रोजेक्ट के लिए बजट का 85 प्रतिशत जापान सरकार से लोन के रूप में ले रहे हैं और 15 प्रतिशत मनपा देगी। बजट सीधे नागपुर महानगरपालिका को नहीं दिया जाएगा। जापानी सरकार बजट का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार को देगी और 15 प्रतिशत राज्य सरकार को देगी।
Created On :   19 April 2019 1:56 PM IST