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जमाल सिद्दीकी को नहीं मिली "एक्स श्रेणी' सुरक्षा, कोर्ट ने किया इनकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें याचिकाकर्ता ने स्वयं के लिए "एक्स-श्रेणी" की सुरक्षा प्रदान करने की प्रार्थना की थी। अपने आदेश में न्या. सुनील शुक्रे व न्या.अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने माना है कि राज्य सरकार द्वारा याचिकाकर्ता को दिए गए एक गनमैन की सुरक्षा काफी है। यदि याचिकाकर्ता को फिर भी यह कम लगती है तो वह अपने खर्च पर निजी सुरक्षा रक्षक नियुक्त कर सकता है। हाईकोर्ट के अनुसार, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में नागरिकों के प्राणों की रक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। नागरिक सुरक्षा के लिए देश में कई प्रबंध पहले से मौजूद हैं। विविध प्रकार के कानून, पुलिस बल, आरक्षित सुरक्षा बल नागरिकों की रक्षा के लिए हैं। पुलिस लगातार अपने क्षेत्र में पेट्रोलिंग करती है, बदमाशों को तड़ीपार करती है और भी अन्य प्रकार की व्यवस्थाएं देश में मौजूद हैं। इस प्रबंध के बावजूद यदि किसी को अतिरिक्त सुरक्षा चाहिए, तो इसके पीछे कोई ठोस वजह होनी चाहिए।
अतिरिक्त सुरक्षा देने पर सरकारी तिजोरी पर बोझ बढ़ता है। सुरक्षा बल का दुरुपयोग हो सकता है। किसे सुरक्षा देनी है और किसे नहीं यह तय करने के लिए राज्य सरकार का एक पूरा तंत्र है। व्यक्ति विशेष को यह तय करने का अधिकार नहीं है। कुछ लोगों को यह लगता है कि उन्हें या उनकी संपत्ति को दुनिया से खतरा है, लेकिन कई बार तो यह महज एक कल्पना होती है या फिर मनोस्थिति होती है। ऐसे में सुरक्षा देने पर फैसला राज्य को ही लेना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी कि वे भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस कारण उनके प्राणों व संपत्ति को खतरा बना हुआ है। उनके समकक्ष ही अन्य व्यक्तियों को सरकार ने "एक्स-श्रेणी" की सुरक्षा दी है, लेकिन उनको नकार दिया गया है। पिछली सरकार में उन्हें इस प्रकार की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन नई सरकार के आने के बाद सुरक्षा हटा ली गई।
Created On :   13 Feb 2021 4:07 PM IST