सोने के सिक्के या गहनें पर हालमार्क के साथ बीआईएस का लोगो लगाना जरूरी : स्व-सहायता समूह के द्वारा तैयार उत्पादों का भी सर्टिफिकेशन की योजना बनाएं: कलेक्टर!
डिजिटल डेस्क | अब सोना बिना हालमार्किंग के बेचना आसान नहीं होगा। हाॅलमार्क सरकारी गारंटी है। हाॅलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है। हाॅलमार्किंग में किसी प्रोडक्ट को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने मंगलवार को भारतीय मानक ब्यूरों शाखा कार्यालय रायपुर के श्री बी. गोपीनाथ के साथ बैठक ली। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह के द्वारा बनाए जा रहें उत्पादों का भी सर्टिफिकेशन की योजना की बात कही ताकि जिले के सहायता समूह द्वारा बनायी जा रही उत्पादों की गुणवत्ता में विश्वसनीयता आए और उनकी बिक्री बढ़े। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, अपर कलेक्टर श्री जोगेन्द्र कुमार नायक सहित जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
श्री बी. गोपीनाथ ने बताया कि भारत में बीआईएस वह संस्था है जो गुणवत्ता स्तर की जाॅच करती है। सोनें के सिक्के या गहनें पर हालमार्क के साथ बीआईएस का लोगो लगाना जरूरी है। इससे पता चलता है कि बीआईएस की लाईसंेस वाली लैब में इसकी शुद्धता की जाॅच की गई है। इसके लिए नया नियम लागू होने के बाद सोनें के गहनों को खरीदनें वाले ग्राहकों को ठगना आसान नहीं होगा। प्रत्येक ज्वेलरी पर हाॅलमार्क जरूरी होगा। नए उपभोक्ता कानून आने से 14, 18, और 22 कैरेट सोनें में हाॅलमार्किंग जरूरी होगी। जल्दी ही केन्द्र सरकार हर जिलों में हाॅलमार्किंग सेंटर खोलनें की योजना बना रही है। सरकार ने अब तक देश के 34 जिलों में 921 हाॅलमार्किंग सेंटर खोलें हैं। श्री गोपीनाथ ने बताया कि जो लोग हाॅलमार्क संेटर खोलना चाहते हैं।
ज्वेलर्स को बीआईएस रजिस्ट्रेशन कराना होगा इसके लिए (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटमानकआनलाईनडाटइन) पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन के बाद संबंधित विभाग वेरीफिकेशन का काम करेगा। उसके बाद सेंटर को फ्रेंचाईसी मिल जाएगी। अगले सालों में देश के हर ब्लाॅक में हाॅलमार्क सेंटर खोले जायेंगे। केन्द्रीय सरकार, उपभोक्ता मामले, खाद और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (उपभोक्ता मामलें जभार्ग) के आदेश 9 अक्टूबर 2020 और संशोधन 15 जनवरी 2021 के अनुसार 01 जून 2021 से स्वर्ण एवं स्वर्ण धातु के आभूषणों एवं वास्तुशिल्प उत्पादो में भारतीय मानक ब्यूरो के हॉलमार्क अनिवार्य है। यह अनिवार्यता 2 ग्राम से कम वजन में लागू एवं निर्यात में लागू नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रचार-प्रसार किए जाएं और आगामी समय में जिले में भी इस संबंध में जानकारी देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। बीआईएस हॉलमार्किंग योजना, हाॅलमार्क पर अंतर्राष्ट्रीय मानदंडो के साथ सम्मिलित है। इस योजना के अनुसार हॉलमार्किंग योजना के अंतर्गत बीआईएस द्वारा ज्वेलरों को पंजीकरण किया जाता है।
बीआईएस प्रमाणित ज्वेलर बीआईएस से मान्यता प्राप्त किसी भी एसेयिंग और हॉलमार्किंग केन्द्रों से अपनी हॉलमार्क लगी ज्वेलरी हॉलमार्क करा सकते है। हॉलमार्किंग बहुमूल्य धातु की वस्तु में बहुमूल्य धातु की अनुपातिक सामग्री का सटीक निर्धारण और अधिकारिक रिकॉर्डिंग है। इसी तरह से हॉलमार्क बहुमूल्य धातु की वस्तुओं की महीनता या शुद्धता की गारंटी के रूप में कई देशांे में अधिकारिक चिन्ह के रूप में प्रयोग किया जाता है। हॉलमार्किंग योजना का मुख्य उद्देश्य मिलावटी सोने से जनता की रक्षा करना और महीनता का वैध मानकांे को बनाए रखने के लिए निर्माताआंे को बाध्य करना है। उपभोक्ता बीआईएस से मान्यता प्राप्त किसी भी एसेयिंग और हॉलमार्क केन्द्र से अपने ज्वेलरी, नमूने की जांच करा सकता है। एसेयिंग और हॉलमार्क केन्द्र शुल्क के आधार पर प्राथमिकता पैर सामान्य उपभोक्ता के मुहरांकित आभूषण, नमूने का परीक्षण करते है। एसेयिंग और हॉलमार्क केन्द्र को वस्तु पर यथा उचित पहचान देते हुए ऐसे रिपोर्ट जारी करना अपेक्षित है।
Created On :   11 March 2021 2:51 PM IST