आरटीई आरक्षित सीटों का ब्योरा दर्शनी हिस्से में लगाना अनिवार्य, नहीं तो कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में पंजीकरण करने पर आरक्षित सीटों का ब्योरा स्कूल के दर्शनी हिस्से में लगाना अनिवार्य है। अधिकांश स्कूल नहीं चाहते हुए भी कार्रवाई के डर से पंजीकरण करा लते हैं, लेकिन आरटीई के अंतर्गत प्रवेश देने से बचने के रास्ते तलाशते हैं। स्कूल में आरटीई आरक्षित सीटों को सार्वजनिक नहीं करना चाहते। आरक्षित सीटों का ब्योरा स्कूल के दर्शनी हिस्से में लगाने प्रदर्शित नहीं करना स्कूलों को भारी पड़ेगा। जिला शिक्षणाधिकारी रोहिणी कुंभारे ने स्कूलों के दर्शनी हिस्से में आरटीई आरक्षित सीटों का ब्योरा सार्वजनिक करने का फरमानी जारी कर स्कूलों को आदेश का पालन करने की सख्त चेतावनी दी है।
जिला शिक्षणाधिकारी ने जारी किया फरमान {स्कूलों को नियम का पालन करने की सख्ती
12 दिन हो गए, पर अमल नहीं : आरटीई के अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया में सहभागिता के लिए स्कूलों की पंजीकरण प्रक्रिया 10 फरवरी को समाप्त हो गई। 653 स्कूल पंजीकृत हुए। 6577 सीटें आरक्षित की गईं। स्कूलों का पंजीकरण होकर 12 दिन हो गए, लेकिन किसी भी स्कूल में आरक्षित सीटों का ब्योरा और बच्चों के ऑनलाइन आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों का ब्योरा स्कूल के दर्शनी हिस्से में नहीं लगाया गया है।
शिक्षणाधिकारी का आदेश बेअसर :आरटीई एक्शन कमेटी ने जिला शिक्षणाधिकारी से शिकायत करने पर अधिनस्त अधिकारी व मुख्याध्यापकों को आरक्षित सीटों का ब्योरा स्कूल के दर्शनी हिस्से में प्रदर्शित करने का फरमान जारी किया गया। इस आदेश का स्कूल प्रबंधनों पर कोई असर नहीं हुआ।
जानकारी के अभाव में रह जाते हैं वंचित : पहले राउंड में स्कूल से एक किलोमीटर के दायरे में रहने वाले बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। आसपास के आरटीई पंजीकृत स्कूल की जानकारी को अभाव में पालक आवेदन में घर से दूर के स्कूलों का िवकल्प भर देते हैं। स्कूल में पूछताछ करने पर इंटरनेट पर सब कुछ जानकारी उपलब्ध रहने का जवाब देकर वापस लौटा दिया जाता है। सभी पालक इंटरनेट साक्षर नहीं रहने से इंटरनेट कैफे में जाकर आवेदन भरना पड़ता है। इंटरनेट कैफे के संचालक जल्दबाजी में कोई भी स्कूल का विकल्प भर देते हैं। पालकों के आरटीई पंजीकृत स्कूलों की जानकारी के अभाव में बालक प्रवेश से वंचित रह जाते हैं।
मामले को लेकर शिवसेना हुई आक्रामक : स्कूलों के दर्शनी हिस्से में आरटीई आरक्षित सीटों का ब्योरा प्रदर्शित नहीं करने पर शिवसेना आक्रामक हो गई है। पूर्व विदर्भ नेता किरण पांडव, युवा सेना महाराष्ट्र विस्तारक हितेश यादव के मार्गदर्शन तथा शिवसेना शहर प्रमुख धीरज फंदी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक) रोहिणी कुंभार से मिलकर स्कूलों में आरटीई नियम के उल्लंघन से अवगत किया। ज्ञापन सौंपकर दो दिन में स्कूलों से आरक्षित सीटों की जानकारी दर्शनी हिस्से में प्रदर्शित करने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में युवासेना जिला प्रमुख नीलेश तिघरे, पूर्व विदर्भ सहसचिव ऋषिकेश जाधव, शहर प्रमुख सलमान खान, सचिन यादव, नीलेश सतिबावने, शांतनू शिर्के, सोनू गडेकर, विवेक शर्मा, राहुल काले, मयूर पाटील, शेखर मोंगसे का समावेश रहा।
Created On :   22 Feb 2023 10:40 AM IST