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छिंदम का नगरसेवक पद रद्द करना उचित : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। छत्रपति शिवाजी महाराज संबंधी आपत्तिजनक वक्तव्य पर अहमदनगर महानगर पालिका के तत्कालीन नगरसेवक श्रीपाद शंकर छिंदम का नगरसेवक पद राज्य सरकार द्वारा रद्द करने को बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने उचित ठहराया है। छिंदम की याचिका भी खंडपीठ ने ठुकरा दी।
नगरसेवक छिंदम ने 16 फरवरी, 2018 को मनपा अधिकारी अशोक प्रभाकर बिड़वे से गालीगलौज कर छत्रपति शिवाजी महाराज संबंधी आपत्तिजनक वक्तव्य किया था। संभाषण वायरल होने पर छिंदम के खिलाफ अहमदनगर के तोखाना पुलिस थाने में भादंसं धारा 353, 294, 504, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। मनपा ने विशेष सभा बुलाकर 26 फरवरी, को छिंदम का नगरसेवक पद रद्द करने का प्रस्ताव सभी की सहमति से लिया था। प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार के नगर विकास विभाग को भेजा था।
राज्य सरकार ने 27 फरवरी, 2020 को उनका नगरसेवक पद रद्द किया था जिसे छिंदम ने औरंगाबाद खंडपीठ में चुनौती दी थी। उसका कहना था कि नगरसेवक पद रद्द करने का आदेश गैरकानूनी है और उनको पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया। खंडपीठ में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ज्ञानेश्वर काले ने निदर्शन में लाकर दिया कि राष्ट्रपुरुष की अवमानना करनेवाली कृति शर्मनाक है। अपराध दर्ज होने से उनको पद पर रहने का अधिकार नहीं है। समाज में विवाद निर्माण करनेवाला कृत्य होने से उनके कहने को कानूनी आधार नहीं है। खंडपीठ ने राज्य सरकार का आदेश यथावत रखकर बुधवार को छिंदम की याचिका ठुकराई। अहमदनगर मनपा की ओर से एड वीडी होण ने पक्ष रखा। उनको एड केएन लोखंडे ने सहायता की।
Created On :   7 Jan 2021 5:33 PM IST