नाशिक जेल में कैदी कि मौत की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने का निर्देश

Instructions to present the investigation report of death of a prisoner in Nashik jail
नाशिक जेल में कैदी कि मौत की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने का निर्देश
नाशिक जेल में कैदी कि मौत की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने का निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने नाशिक सेंट्रल जेल में एक कैदी की मौत के मामले से जुड़ी सारी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है। 7 अक्टूबर 2020 को आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे असगर अली मंसूरी नाम के कैदी ने जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।  

याचिका में दावा किया गया कि 32 वर्षीय कैदी मंसूरी के शव के पोस्टमार्टम के दौरान पेट में प्लास्टिक की थैली में लिपटा एक पत्र मिला था। इस पत्र में मंसूरी ने लिखा है कि उसने जेल के पांच अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठा रहा है।  

इस घटना के बाद अब तक पुलिस ने किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया है। लिहाजा मंसूरी के पिता मुमताज ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मुख्य रुप से जेल में मंसूरी की मौत के लिए जिम्मेदार जेल अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने व उन्हें निलंबित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इसके अलावा इस मामले की स्वतंत्र तथा निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया गया है। 

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद सरकारी वकील को मामले को लेकर हुई जांच से जुड़े सारे दस्तावेज कोर्ट में पेश करने को कहा। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिहीर देसाई ने कहा कि मृतक के परिजनों को अभी तक किसी भी जांच के बारे में जानकारी नहीं है।

इस दौरान सरकारी वकील जयेश यज्ञनिक ने खंडपीठ के सामने आग्रह किया कि उन्हें दो सप्ताह का समय दिया जाए। ताकि वे मामले की जांच रिपोर्ट व दस्तावेज जुटा सके। इससे पहले उन्होंने कहा कि इस मामले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 176 (1ए) के तहत स्वतंत्र जांच की दिशा में कदम उठाए गए हैं। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 1 फरवरी 2021 तक के लिए स्थगित कर दी।

Created On :   23 Jan 2021 12:49 AM IST

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