गोंडवाना यूनिवर्सिटी के ट्रायसेफ केंद्र से नवउद्योजकों को मिलेगी दिशा
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । गोंडवाना विश्व विद्यालय के परिक्षेत्र में बड़े पैमाने पर वनोपज और वनौषधि उपलब्ध है। यह स्थानीय आदिवासियों के जीवनयापन का एक मुख्य साधन भी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विवि ने वनोपज क्षेत्र से अधिकाधिक स्टार्ट-अप कैसे तैयार होंगे, इसके लिए प्रयास शुरू किये हैं। विवि के नवसंशोधन केंद्र के जरिए आरंभ किया गया ट्रायसेफ केंद्र सराहनीय कदम है। ट्रायसेफ केंद्र के माध्यम से युवाओं में छूपे नवउद्योजकता को प्रेरणा के साथ गति भी मिलेगी।यह विश्वास राज्य के कौशल्य, रोजगार उद्योजकता एवं नावीन्यता िवभाग की प्रधान सचिव मनीषा वर्मा ने जताया। गोंडवाना विश्व विद्यालय द्वारा आरंभ किए गए ट्रायसेफ केंद्र का उद्घाटन विवि के नवसंशोधन केंद्र में हुआ। इस समय वे बोल रहीं थीं।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी संजय मीना, विवि कुलपति डा. प्रशांत बोकारे, प्र-कुलपति डा. श्रीराम कावले, कुलसचिव डा. अनिल हिरेखन, विज्ञान व तकनीकी अधिष्ठाता डा. शैलेंद्र देव, मानव विभाग के अधिष्ठाता डा. चंद्रमौली, नवसंशोधन केंद्र के संचालक डा. मनीष उत्तरवार आदि उपस्थित थे। बता दें कि, गड़चिरोली जिले में सर्वाधिक 78 प्रतिशत जंगल मौजूद है। इस जंगल में बड़े पैमाने पर आयुर्वेदिक वनौषधियों के साथ वनोपज उपलब्ध है। इन्हीं वनोपज पर आधारित उद्योग निर्माण कर स्थानीय विद्यार्थियों को उद्यमी बनाया जा सकता है। इसी उद्देश्य को लेकर गोंडवाना विश्व विद्यालय ने ट्रायसेफ केंद्र आरंभ किया है। इस केंद्र के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा विद्यार्थियों को वनोपज और वनौषधियों पर आधारित विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण व जानकारी दी जाएगी। इस केंद्र का अधिकाधिक संख्या में लाभ उठाने का आह्वान इस समय कुलपति डा. प्रशांत बोकारे ने किया। कार्यक्रम में सभी विभागों के प्रमुख और विद्यार्थी उपस्थित थे।
Created On :   3 Jan 2023 4:26 PM IST