मंहगाई का तड़का : थाली से गायब होने लगी दाल, सब्जियां भी हुई फीकी

Inflation rises, pulses and green vegetables price increase
मंहगाई का तड़का : थाली से गायब होने लगी दाल, सब्जियां भी हुई फीकी
मंहगाई का तड़का : थाली से गायब होने लगी दाल, सब्जियां भी हुई फीकी

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। नवतपा के बाद पारा बढ़ने के साथ ही दाल और हरी सब्जियों के दाम भी लगातार उछल रहे हैं। जिससे गृहिणियों का बजट गड़बड़ाने लगा है। दो माह पहले जो दालें सब्जियों का विकल्प बनी थी वे भी अब थाली से गायब होने लगी है। वर्तमान में तुअर दाल के दाम आसमान छूने को उतावले हो रहे हैं। दाल और सब्जियों के दाम में आई तेजी से थाली में आम, धनिया, मिर्च सहित अन्य चटनी और अचार की झलक नजर आने लगी है।

सौ रूपये पर पहुंच रही तुअर दाल

बीते तीन माह में दाल और सब्जी बाजार में हलका उतार चढ़ाव बना हुआ था। गर्मी के अंतिम चरण में खेतों से सब्जी का रकबा कम होने के साथ सब्जी की आवक कम हो गई तो वहीं दालों का स्टाक भी कम हो गया। स्टाक कम होने के साथ दालों की कीमत भी बढऩे लगी। मार्च में 70 से 75 रुपए प्रतिकिलो बिकने वाली तुअर दाल इस समय 90 से 95 रुपए प्रतिकिलो की दर पर आकर सैकड़ा का आंकड़ा छूने को बेताब है। इसके अलावा अन्य दालें भी 10 से 15 रुपए प्रतिकिलो तेज दर से बेची जा रही है। आलू प्याज के अलावा टमाटर, हरी मिर्च भी महंगाई की राह पर चल रहे हैं। फुटकर बाजार में आलू 15 से 20 रुपए, टमाटर 40 रुपए, प्याज 10 से 15 रुपए, हरी मिर्च 100 से 120 रुपए प्रतिकिलो की दर से बेची जा रही है। अदरक, लहसुन पहले ही 100 रुपए का आंकड़ा पार कर चुके हंै। इस समय अदरक 140 रुपए व लहसुन 120 रुपए प्रतिकिलो के भाव पर बेचा जा रहा है। प्याज अभी तक 5 से 8 रुपए प्रतिकिलो बिक रही थी जो अब 10 से 15 रुपए प्रतिकिलो के भाव पर आ गई है।

कम उत्पादन से बढ़े दाम

खंड बारिश के कारण इस वर्ष दालों का उत्पादन किसानों को अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाया है, बीते वर्षो की तुलना में दाल की आवक कम रही है। इसी वजह से तुअर दाल सहित अन्य दाल बाजार में 10 से 30 रुपए प्रतिकिलो तक तेजी आई है। हरी सब्जियों की मांग अधिक होने और आवक आधे से कम होने से भाव दोगुने तक हो गए हैं।

फिलहाल दालों के भाव स्थिर रहने की संभावना

दाल विक्रेताओं ने बताया कि नई उपज आने तक दालों के भाव में फिलहाल स्थिरता बनी रहने की संभावना है। जुलाई,अगस्त माह में आवक बढऩे के साथ भाव में गिरावट देखने मिल सकती है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बारिश शुरू होने के एक दो माह बाद नई सब्जियों की आवक शुरू होगी तब ही सब्जियों के भाव  कम हो सकते हैं।
 

Created On :   10 Jun 2019 4:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story