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एमसीयू में आयोजित मास्टर क्लास में मशहूर निर्देशन एवं साउंड डिजाइनर नागभरण ने कहा सिनेमा को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता
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- फाल्के के समय सिनेमा की दुनिया आज के सिनेमाई दुनिया से एकदम अलग है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। चित्र भारती फ़िल्म फेस्टिवल के अंतर्गत पहले दिन दो मास्टर क्लास का आयोजन किया गया। निर्देशन एवं साउंड डिजाइन पर पहली मास्टर क्लास को निर्देशक टीएस नागभरण एवं सुभाष साहू ने संबोधित किया। वहीं, पटकथा लेखन पर आयोजित मास्टर क्लास को फ़िल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने संबोधित किया।
सिनेमा आज हमारे जीवन का अभिन्न अंगः नागभरण
प्रख्यात कन्नड फिल्म निर्देशक और समानान्तर एवं मुख्यधारा के फिल्मों के सफल निर्देशक टी. एस. नागाभरण ने कहा ये फाल्के के समय सिनेमा की दुनिया आज के सिनेमाई दुनिया से एकदम अलग है। आज इस बात कि बहुत जरूरत है कि हम सिनेमा को पुनः परिभाषित करें, क्योंकि यह मेरा अनुभव है कि सिनेमा मूलतः शिक्षा है। आज का युवा वर्ग मीडिया से परिचालित है। आज का सिनेमा हमारे घरों में घुस चुका है और यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। यह सार्वभौमिक भाषा बोलने वाला माध्यम है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा हमेशा से जीवंत, विविधता से भरा और अपनी विशिष्ट पहचान की ताकत से पूर्ण रहा है, यह सिनेमा भारतीय सिनेमा का हृदय, आत्मा और भविष्य है। उन्होंने विद्यार्थियों से खूब शिक्षण, प्रशिक्षण, कुशलता तथा रियाज करने पर जोर दिया।
साउंड डिजाइन में सृजनात्मकता का बहुत महत्व
प्रख्यात साउंड डिजाइनर सुभाष साहू ने कहा कि सिनेमा कला से भी ज्यादा फलक वाला दृश्य माध्यम है। आज कश्मीर फाइल्स को ही ले इसने राष्ट्रभाषा हिंदी के माध्यम से हम सबको एक कर दिया है। एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि साउंड डिजाइन में सृजनात्मकता का बहुत महत्व है क्योंकि यहां पुनः सृजन के साथ चुनना छांटना और मिश्रण करना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ध्वनि हमारी चित्तवृत्तियो को प्रभावित करता है साथ ही वह हमारे अंतर्मन को भी रचना करता है। इस मास्टर क्लास का संयोजन कर रहे फ़िल्म निर्माता आकाशादित्य लामा ने अपील की कि बालीवुड के बदले भारतीय सिनेमा शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए।
कश्मीर फाइल्स के बाद अब दिल्ली फाइल्स या भारत फाइल्स : विवेक अग्निहोत्री
पटकथा लेखन पर आयोजित मास्टर क्लास में विवेक अग्निहोत्री मंच पर अचानक भावुक हो गए उन्होंने कहा कि लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं कि मैंने इसकी कहानी में कुछ ऐसे सीन दिखाए है जो कि नहीं दिखाने चाहिए। यह कहानी मैंने नहीं बल्कि आतंकियों ने लिखी है। मैंने सिर्फ सच बताया है।
फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" के साथ ही उन्होंने छात्रों से सिनेमा से जुड़ी बातें भी साझा की हैं। उन्होंने कहा कि वे "द दिल्ली फाइल्स या भारत फाइल्स" के नाम की अपनी अगली फिल्म लाने वाले हैं। विवेक अग्निहोत्री ने द कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा कि यह फिल्म कश्मीर में हुए नरसंहार में मारे गए लोगों के श्रद्धांजलि देने का एक तरीका है। इस मास्टर क्लास का संचालन वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय ने किया।
Created On :   25 March 2022 9:45 PM IST