PM Modi: पीएम मोदी ने JNU में किया स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण, बोले- प्रतिमा राष्ट्र के प्रति प्रेम सिखाएगी
- विपुल पटेल की पहल पर सरकार ने जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया
- शिक्षा मंत्री निशंक ने स्वामी विवेकानंद को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामी विवेकानंद की प्रतीमा का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मैं जेएनयू प्रशासन, सभी शिक्षकों और छात्रों को इस अवसर पर बहुत बधाई देता हूं। साथियों स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि मूर्ति में आस्था का रहस्य ये है कि आप उस एक चीज से विजन ऑफ डिगिनिटी विकसित करते हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मेरी कामना है कि जेएनयू में लगी स्वामी जी की ये प्रतिमा सभी को प्रेरिक करे और ऊर्जा से भरे। ये प्रतिमा वो साहस दे, करेज दे, जिसे स्वामी विवेकानंद जी प्रत्येक व्यक्ति में देखना चाहते थे। ये प्रतिमा वो करुणा भाव सिखाए, कंपेसन सिखाए जो स्वामी जी के दर्शन का मुख्य आधार है। ये प्रतिमा हमें राष्ट्र के प्रति अगाध समर्पण सिखाए, प्रेम सिखाए जो स्वामी जी के जीवन का सर्वोच्च संदेश है। ये प्रतिमा देश को विजन वननेस के लिए प्रेरित करे जो स्वामी जी के चिंतन की प्रेरणा रहा है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि ये प्रतिमा देश को यूथ लेड डवलपमेंट के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे जो स्वामी जी की अपेक्षा रही है। ये प्रतिमा हमें स्वामी जी के सशक्त, समृद्ध भारत के सपने को साकार करने की प्रेरणा देती रहे। साथियों ये सिर्फ एक प्रतिमा नहीं है बल्कि ये उस विचार की ऊंचाई का प्रतीक है जिसके बल पर एक सन्यासी ने पूरी दुनिया को भारत का परिचय दिया। उनके पास वेदांत का अगाध ज्ञान था, उनके पास एक विजन था। वे जानते थे कि भारत दुनिया को क्या दे सकता है। वो भारत के विश्व बंधुत्व के संदेश को लेकर दुनिया में गए। उन्होंने भारत की परंपराओं को गौरवपूर्ण तरीके से दुनिया के सामने रखा।
स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब हम गुलामी के बोझ के तले दबे हुए थे तब स्वामी जी ने अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी में कहा था कि यह शताब्दी आपकी है, लेकिन 21वीं शताब्दी निश्चित ही भारत की होगी। पिछली शताब्दी में उनके शब्द सही निकले हैं। इस शताब्दी में उनके शब्द सही करने का दायित्व हमारा है। भारतीयों के उसी आत्मविश्वास और जज्बे को ये प्रतिमा समेटे हुए है। ये प्रतिमा उस ज्योतिपुंज का दर्शन है जिसने गुलामी के लंबे कालखंड में खुद को अपने सामर्थ्य को, अपनी पहचान को भूल रहे भारत को जगाया था और भारत में नई चेतना का संचार किया था।
आत्मनिर्भर भारत पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज देश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। आज आत्मनिर्भर भारत का विचार 130 करोड़ भारतीयों के इंस्पीरेशन का हिस्सा बन चुका है। आत्मनिर्भर का दायरा काफी व्यापक है, उसमें ऊंचाई भी और गहराई भी है। कोई देश आत्मनिर्भर तभी बनता है जब संसाधनों के साथ-साथ सोच और संस्कारों में भी वो आत्मनिर्भर बने।
पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि विदेश में एक बार किसी ने स्वामी जी से पूछा था कि आप ऐसा पहनावा क्यों नहीं पहनते जिससे आप जेंटल मैन लगे इस पर स्वामी जी ने जो जवाब दिया वो भारत के मूल्यों की गहराई को दिखाता है। स्वामी जी ने जवाब दिया था कि आपके कल्चर में एक टेलर जेंटल मैन बनाता है लेकिन हमारे कल्चर में करेक्टर तय करता है कि कौन जेंटल मैन है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश का युवा ही दुनियाभर में ब्रांड इंडिया का ब्रांड एंबेसडर है। इसलिए आपसे अपेक्षा सिर्फ भारत की पुरातन पहचान पर गर्व करने की नहीं है बल्कि 21वीं सदी में भारत की नई पहचान गढ़ने की भी है। हमें भविष्य पर काम करना है। भारत 21वीं सदी की दुनिया में क्या सहयोग देगा इसके लिए अनुसंधान करना हमारा दायित्व है।
शिक्षा मंत्री निशंक ने स्वामी विवेकानंद को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताया
इस कार्यक्रम में मौजूद शिक्षा मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वामी विवेकानंद को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताया और कहा कि उनका शिकागो में दिया गया भाषण एक मिसाल है। इसके साथ ही उन्होंने जेएनयू के पूर्व छात्रों को मूर्ति की स्थापना के लिए बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि हम नेशन फर्स्ट के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस मौके पर जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर जगदेश कुमार ने कहा कि पिछले कुछ समय से जेएनयू कई मायनों में चर्चा में रहा। केन्द्रीय पुस्तकालय का नामकरण हो या कैंपस में सड़कों का नामकरण। हम खबरों की सुर्खियों में रहे। आज भी स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा अनावरण के लिए भी हम खबरों में हैं।
विपुल पटेल की पहल पर सरकार ने जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया
यह प्रतिमा पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा से भी तीन फीट ऊंची बनाई गई है। स्वामी विवेकानंद के विचारों को दुनिया भर में फैलाने की मुहिम में जुटे विपुल पटेल की पहल पर पांच साल पहले सरकार ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के पास स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया था। इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा था कि स्वामी विवेकानंद के सिद्धांत और संदेश आज भी देश के युवाओं को राह दिखाते हैं। भारत को गर्व है कि यहां पैदा हुई उनकी जैसी महान शख्सियत आज भी दुनिया भर के करोड़ों लोगों को प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं कि स्वामी विवेकानंद के आदर्श जितने उनके जीवनकाल में प्रासंगिक थे वह आज भी हैं।
Created On :   12 Nov 2020 6:54 PM IST