पैसे नहीं थे, तो बैग में ही मृत बच्चे को गांव ले जा रहा था मजदूर

If there was no money, the laborer was taking the dead child to the village in the bag itself.
पैसे नहीं थे, तो बैग में ही मृत बच्चे को गांव ले जा रहा था मजदूर
जांच करने पर खुलासा पैसे नहीं थे, तो बैग में ही मृत बच्चे को गांव ले जा रहा था मजदूर

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। गाड़ी ले जाने के लिए पैसे नहीं होने के चलते अपने मृत बालक को मजदूर बैग में ही डालकर अंतिम संस्कार के लिए अपने गांव लेकर चल पड़ा। बस स्टैंड पर कार्यरत पुलिस कर्मियों ने संदेह होने पर जब उसे रोककर बैग की तलाशी ली तो उसमें बालक का शव दिखाई दिया। मजदूर से बालक के बारे में पूछताछ की गई, तो उसने बालक का मृत्यु प्रमाणपत्र दिखा दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही पीआई डॉ. गणपत दराड़े भी पहुंचे। मजदूर ने उन्हें बताया कि मैं मध्य प्रदेश के गांव जा रहा हूं। मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि गाड़ी कर लेता, इसलिए बालक के शव को बैग में ही डालकर ले जाने की मजबूरी आन पड़ी। पुलिस ने मामले की जांच की तो बालक की घाटी अस्पताल में ही मृत्यु होने की बात सामने आई। इस पर पीआई दराड़े ने मजदूर को बालक का अंतिम संस्कार शहर में ही करने काे कहा। लेकिन, उसने कहा कि साहब मैं गांव में ही अंतिम संस्कार करूंगा। उसके बाद पुलिस की ओर से उसे गांव जाने के लिए मदद की गई। उसके बाद वह मजदूर बालक का शव लेकर गांव चला गया। 

Created On :   23 Jun 2022 1:35 PM IST

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