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बाघ की खाल सहित शिकारी गिरफ्तार ,एक सप्ताह पूर्व करंट लगाकर किया था शिकार
डिजिटल डेस्क,डिंडोरी । सबसे संदर और फुर्तीला वन्य प्राणी बाघ के लिए पूरी दुनिया में अपनी अलग पहिचान रखने वाले बांधवगढ़ नेशनल पार्क उमरिया के आसपास शिकार की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है । ऐसे ही एक मामले में वन विभाग ने बाघ के शिकारियों को मय खाल व पंजों सहित गिरफ्तार कर लिया है । शिकार की जानकारी वन अमले को तब लगी जब उसे मुखबिर से यह सूचना प्राप्त हुई कि कुछ लोग बाघ की खाल बेचने की चर्चा कर रहे हैंं । इसी सूचना के आधार पर विभाग द्वारा आरोपियों की घेराबंदी कर उन्हें बाघ के तमाम अंगों सहित दबोच लिया गया। गौरतलब है कि बांधवगढ़ के बाघों का डिंडोरी से लेकर छग की सीमा तक मूवमेंट बना रहता है ।
करंट लगाकर किया था शिकार
गिरफ्तार किए गए आरोपियों द्वारा वन अधिकारियों दी गई जानकारी के अनुसार उन्होंने 14 फरवरी को छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र चौरादादर क्षेत्र में करंट लगाकर बाघ का शिकार किया था। शिकार करने के बाद बाघ की खाल तथा तमाम अंग जैसे पंजा, हड्डी, पूंछ, खाल आदि सभी अलग - अलग स्थानों में छुपा दिए थे । अधिकारियों ने ये सभी अवशेष बरामद कर लिए हैं । हांलाकि करंट लगाने का सामान अभी तक बरामद नहीं हो पाया है, इसलिए वन अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है । यही कारण है कि जिले के करंजिया वन परिक्षेत्र अंतर्गत वन ग्राम चोरादादर में संरक्षित वन्यप्राणी बाघ का शिकार करने का मामला सामने आने से वन विभाग के अधिकारी सकते में है। करंजिया वनपरिक्षेत्र में करंट लगाकर बाघ का शिकार किये जाने का मामला सामने आने के बाद क्षेत्र व विभाग में खलबली मची हुई है है।
छग की टीम भी पहुंची
शिकार के मामले में कार्रवाई करने मंडला से कान्हा टाईगर रिजर्व एवं छत्त्तीसगढ़ के अचानकमार अभ्यारण्य की टीम मौके पर पहुंच गई है। बाघ का शिकार मध्यप्रदेश और छत्त्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर स्थित डिंडोरी के चौरादादार गाँव में हुआ है। वन विभाग ने बाघ के शिकार के आरोप में चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछतांछ शुरू कर दी गई है वहीं वन विभाग के अधिकारी मामले की जानकारी देने से कतरा रहे हैं ।
ये हैं आरोपी
मुखबिर की सूचना पर वन विभाग द्वारा चोरादादर के उमेश वालरे,पँखु सिंह ,संतु सिंह ,जगमोहन सिंगराम ,भगवंता सिंह ,सुखराम वालरे ,पंडित वालरे,फूलसिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। विवेचना के बाद वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत विभिन्न धारा पर अपराध दर्ज किया जायेगा ।
Created On :   21 Feb 2019 2:52 PM IST