होमियोपैथी का भविष्य उज्ज्वल है : गडकरी

Homeopathy has a bright future: Gadkari
होमियोपैथी का भविष्य उज्ज्वल है : गडकरी
दो दिवसीय राष्ट्रीय होमियोपैथी परिषद का समापन होमियोपैथी का भविष्य उज्ज्वल है : गडकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाेमियोपैथी को भारत ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व स्वीकार करने लगा है। भविष्य में यह पद्धति विश्वसनीय चिकित्सा पद्धति के रूप में उभरकर सामने आएगी। कुछ हाेमियोपैथी डॉक्टर होमियोपैथी छोड़ एलोपैथी की प्रैक्टिस कर रहे हैं। अगर खुद का ही अपनी पैथी पर विश्वास नहीं होगा, तो लोग कैसे विश्वास करेंगे, इसलिए होमियोपैथी डॉक्टरों ने एलोपैथी की प्रैक्टिस नहीं करनी चाहिए। ऐसी सलाह केंद्रीय मंत्री  नितीन गडकरी ने दी है। कविवर्य सुरेश भट सभागृह में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय होमियोपैथी परिषद के समापन अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में वे बोल रहे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बी. एम. सिंह आदि उपस्थित थे।

तालमेल होना जरूरी
गडकरी ने कहा कि वे होमियोपैथी को प्राथमिकता देते हैं। वर्तमान दौर में आयुर्वेद व होमियोपैथी पर अनुसंधान करने की आवश्यकता है। इसके अलावा निसर्गोपचार, योग विज्ञान, आयुर्वेद व होमियोपैथी इन चिकित्सा पद्धतियों में तालमेल होना आवश्यक है। दुनियाभर में लोग भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को अपनाने लगे है। अनेक गंभीर बीमारियों में होमियोपैथी प्रभावशाली साबित हो चुकी है। इसलिए यह विश्वास है कि होमियोपैथी का भविष्य उज्ज्वल है।

साइड इफेक्ट का डर नहीं : चौबे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि हाेमियोपैथी चिकित्सा पद्धति विश्वसनीय है। इसमें साइड इफेक्ट का कोई डर नहीं है। यह कम खर्चीली उपचार पद्धति है। इसका असर हमेशा सकारात्मक होता है। होमियोपैथी बीमारी की जड़ों को खत्म करने में सक्षम है। लोगों का इस ओर रुझान बढ़ रहा है।

बीमारियों के कारण जड़ से खत्म होते हैं
अंतरराष्ट्रीय होमियोपैथी विशेषज्ञ व अदर सांग अकादमी के संचालक डॉ. राजन शंकरन ने बताया कि होमियोपैथी में अलग-अलग बीमारियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे शरीर की उपचार पद्धति है। इससे बीमारियों के मूल कारणों को खत्म किया जाता है। होमियोपैथी से मिलने वाला लाभ दीर्घ अवधि के लिए होता है।

देशभर के प्रतिनिधियों की उपस्थिति
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेश मुरकुटे ने प्रास्ताविक रखा। समापन समारोह से पूर्व आयोजित सत्र में हाेमियो पुरस्कार का वितरण हुआ। कार्यक्रम में समीर वानखेडे व क्रांति रेडकर अतिथि के रूप में उपस्थित थे। दो दिवसीय आयोजन के दौरान फिल्म जगत के हिमेश रेशमिया, कैलास खेर आदि ने उपस्थिति दर्ज कराकर अपनी प्रस्तुतियां दीं। परिषद में देशभर से 2000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। परिषद की सफलता के लिए डॉॅ. रवि वैरागडे, डॉ. मनीष पाटील, डॉ. ज्ञानेश ढाकुलकर, डॉ. राजेश रथकंठीवार, डॉ. सुमित पैदलवार आदि ने प्रयास किया।
 

Created On :   20 March 2023 7:25 AM GMT

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