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यवतमाल के नवरगांव बांध की नहर में पड़ गए छेद
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डिजिटल डेस्क,| मारेगांव(यवतमाल)। तहसील के किसानों को सिंचाई व्यवस्था का लाभ मिले इस उद्देश्य से नवरगांव बांध बनाया गया था, लेकिन इस बांध का पानी जिस नहर से जाता है। उसमें बड़े-बड़े पेड़ लग गए हैं। जिससे कई स्थानों पर नहर की दीवार में दरार आ गई है। कैनल में एक बड़ा छेद हो गया है। जिससे वहां मरम्मत कराना जरूरी है। जिसके कारण पानी किसानों के खेतों तक पहुंचने से पहले ही इन दरारों से इधर-उधर निकल जाता है। जिससे हरित क्रांति का सपना अधूरा रह गया। 40 साल पहले नवरगांव क्षेत्र के किसानों को पानी उपलब्ध हो इसके लिए मध्यम प्रकल्प का निर्माण किया गया था, लेकिन मुख्य नहर समेत उपनहर में झाड़ियां व पेड़ लग गए हैं। इसके कारण पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पाता है। क्षेत्र के किसानों ने अच्छी उपजाऊ खेती दी थी। ताकि, सिंचाई से साल में 3-4 फसलें लेने की सुविधा उत्पन्न हो। यही नहीं हर साल नहर की मरम्मत के लिए लाखों रुपए आते हैं। फिर भी नहर जस की तस दिखाई देती है। यहां ठीक से काम किया तो सिंचाई के लिए पानी मिल सकता है। जिससे यहां की खेती सुजलाम सुफलाम हो सकती है।
नेर, मारेगांव में गीला अकाल घोषित करें
नेर और मारेगांव तहसील मंे गीला अकाल घोषित करने की मांग उठने लगी है। नेर में अतिवृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हुई है। जिससे शिवसेना के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने गीला अकाल घोषित करने की मांग का ज्ञापन नायब तहसीलदार नरेंद्र थोटे के माध्यम से सीएम को भेजा है। तहसील में सैकड़ों हेक्टेयर में सोयाबीन, कपास, तुअर, उड़द, मूंग की फसल का नुकसान हुआ है। किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए मुआवजा दें, गीला अकाल घोषित करने की मांग ज्ञापन में की है। इस समय शिवसेना, युवा सेना, विद्यार्थी सेना, महिला आघाड़ी तहसील, शहर पदाधिकारी समेत किसान उपस्थित थे।
Created On :   9 Oct 2021 8:46 PM IST