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जमानत पर रिहा हुए हिंदू संत ने की मस्जिद बंद करने की मांग
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। मांड्या जिले के श्रीरंगपटना शहर की मस्जिद को गिराने का आह्वान करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए काली मठ के ऋषिकुमार स्वामी ने एक बार फिर यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि मस्जिद को तब तक के लिए बंद कर देना चाहिए, जब तक यह फैसला नहीं हो जाता कि यह मंदिर है या मस्जिद। बुधवार की देर रात जमानत पर रिहा होने के बाद ऋषिकुमार स्वामीजी ने यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, मैंने कई बार श्रीरंगपटना शहर का दौरा किया था, लेकिन मस्जिद के पास कभी नहीं गया था। लेकिन एक दिन जब मैं वहां रुका, तो मैंने खंभों पर ध्यान दिया। यहां तक कि एक हिंदू बच्चा भी स्तंभों पर नाग देवता उकेरे गए चित्रों को देखकर उत्तेजित हो जाएगा। मैं एक साधु हूं। मुझे अपने मंदिर की हालत देखकर दुख हुआ। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। न्यायपालिका की वजह से ही अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है।
उन्होंने कहा, बाबरी मस्जिद के मामले में सच्चाई स्थापित करने के लिए अधिकारियों को मस्जिद के नीचे खुदाई करनी पड़ी। लेकिन, इस मामले में अधिकारियों को केवल मस्जिद के दस्तावेजों की आवश्यकता है। मैं उनसे अगली हनुमान जयंती से पहले मस्जिद को बंद करने का अनुरोध करता हूं।
कोई भी हादसा होने से पहले कार्रवाई होनी चाहिए। यह तय करने के लिए कि ढांचा मस्जिद है या मंदिर, स्थानीय अदालत में पहले ही एक हलफनामा दायर किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि फैसला आने तक मस्जिद को बंद रखना होगा और यथास्थिति बनाए रखनी होगी।
इस मुद्दे को सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा उठाए जाने की संभावना है, जो दक्षिण कर्नाटक में अपनी जड़ें जमाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। श्रीरंगपटना शहर मांड्या जिले में स्थित है, जिसे प्रमुख वोक्कालिगा समुदाय का गढ़ माना जाता है। इसे जद (एस) का गढ़ माना जाता है। सत्तारूढ़ भाजपा इस समृद्ध जिले में जड़ें खोजने का प्रयास कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस मुद्दे को जल्द ही उठाने जा रही है, जिससे पार्टी को अपनी जड़ें स्थापित करने में मदद मिलेगी और चुनाव में सफलता मिलेगी।
(आईएएनएस)
Created On :   20 Jan 2022 6:00 PM IST