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पेड़ों की कटाई पर मेट्रो को फटकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में जारी मेट्रो के कार्य से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर एक याचिका दायर की गई है। भरतनगर से तेलंगखेड़ी हनुमान मंदिर तक प्रस्तावित सीमेंट रोड के चलते बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर नागपुर खंडपीठ द्वारा दायर की गई सू-मोटो जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें महामेट्रो की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि वे सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग (पीडब्ल्यूडी) के हवाले से एजेंसी यह सड़क बना रहे हैं, ऐसे में मामले में पीडब्ल्यूूडी विभाग को प्रतिवादी बनाना चाहिए। महामेट्रो के इस जवाब पर हाईकोर्ट नाराज हो गया और मेट्रो को कड़ी फटकार लगाई। वहीं, प्रतिवादी मनपा के अधिवक्ता जेमिनी कासट ने कोर्ट को बताया कि वृक्षों की कटाई के एवज में पौधारोपण का मेट्रो का प्रस्ताव अभी भी वृक्ष प्राधिकरण के पास विचाराधीन है। ऐसे में कोर्ट ने मनपा को दो सप्ताह का समय देकर जवाब मांगा है।
यह है पूरा मामला
नागपुर महानगरपालिका और नागपुर मेट्रो द्वारा बनाई जा रही इस प्रस्तावित सड़क के लिए पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय की एक हेक्टेयर जमीन ली गई है, लेकिन इस सड़क के निर्माण में 50 से 60 साल पुराने 500 से अधिक पेड़ों की कटाई होगी। पर्यावरण प्रेमी डॉ. जयदीप दास ने हाईकोर्ट को पत्र लिख कर इस विषय की जानकारी दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने यह याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस मुद्दे का संज्ञान लिया है कि इन वृक्षों की कटाई से पर्यावरण को खासा नुकसान होगा। कोर्ट पहले ही अन्य सू-मोटो जनहित याचिका में वृक्षों की कटाई के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर सुनवाई ले रहा है।
उल्लेखनीय है कि शहर में जारी मेट्रो के कार्य के चलते बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जा रही है। प्रशासन पौधारोपण व उसके संरक्षण के लिए अभियान चलाकर जागरूकता लाने की कवायद करता है लेकिन खुद प्रशासकीय विभागों की पेड़ों को लेकर अनदेखी के मामले सामने आते रहते हैं। कोर्ट ने मेट्रो को फटकार लगाते हुए जवाब मांगा है।
Created On :   19 April 2019 11:44 AM IST