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स्कूल बसों का फिटनेस टेस्ट करे आरटीओ , HC के आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कूल बस की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई में न्यायालयीन मित्र फिरदौस मिर्जा ने हाईकोर्ट को बताया कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र में संचालित स्कूल बसों की फिटनेस में भारी लापरवाही बरती गई है। राज्य में 35 हजार 436 स्कूल बसों में से महज 26 हजार 405 स्कूल बसों का आरटीओ द्वारा फिजिकल निरीक्षण किया गया। शेष 8 हजार 615 बसें निरीक्षण के लिए नहीं आई, लेकिन आरटीओ ने 5 हजार 839 बसों को ही कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसमें से 2067 बसों के लाइसेंस रद्द किए गए। शेष बसों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई न करने वाले क्षेत्रों में यवतमाल, बुलढाणा और पश्चिम मुंबई आरटीओ शामिल हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ने आरटीओ को आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए शत-प्रतिशत बसों का निरीक्षण करने के आदेश दिए।
स्कूल बसों के लिए अलग बस स्टॉप हो
एड.मिर्जा ने यह भी बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद परिवहन विभाग के केवल नागपुर शहर में स्कूल बसों के लिए अलग से बस स्टॉप बनाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ है, जबकि पूरे राज्य में स्कूल बसों के लिए अलग बस स्टॉप होना चाहिए। वहीं, नागपुर में जिन जगहों पर स्कूल बस स्टॉप निश्चित किए गए हैं, वहां कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में हाईकोर्ट ने राज्य परिवहन आयुक्त को संपूर्ण राज्य के लिए स्कूल बस स्टॉप व्यवस्था शुरू करा कर शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
यह है पूरा मामला
9 जनवरी 2013 को स्कूल बस से उतरते वक्त बस की चपेट में आ जाने से विरथ झाड़े नामक बच्चे की मृत्यु हो गई थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। पूर्व में याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यातायात आयुक्त को राज्य भर में जिला स्तर पर और शाला स्तर पर समिति गठित करने के निर्देश दिए थे। समितियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा था कि स्कूली विद्यार्थियों को लाने-ले-जाने वाले वाहनों का नियमित रख-रखाव किया जा रहा है या नहीं। साथ ही विद्यार्थियों की यातायात सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी।
Created On :   11 April 2019 11:50 AM IST