मंत्री भूमरे को हाईकोर्ट ने नहीं दी माफी, अर्जी ठुकराई

High court did not grant pardon to Minister Bhumre, rejects the application
मंत्री भूमरे को हाईकोर्ट ने नहीं दी माफी, अर्जी ठुकराई
मंत्री भूमरे को हाईकोर्ट ने नहीं दी माफी, अर्जी ठुकराई

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद।  कोराेना नियमों का उल्लंघन कर भीड़ जुटाने के मामले में राज्य के फलाेत्पादन और रोजगार गारंटी योजना मंत्री संदीपान भूमरे से बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ की नाराजगी बरकरार रही। न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे व न्यायमूर्ति बीयू देबड़वार की पीठ ने मंत्री भूमरे द्वारा पेश किया गया माफीनामा भी स्वीकार नहीं किया। इतना ही नहीं, मामले में अपराध दर्ज करने की दत्तात्रय गोर्डे द्वारा पेश की गई दीवानी अर्जी ठुकराकर उसे स्थानीय पुलिस थाने में अर्जी पेश करने और उस पर कानूनन कार्रवाई करने के लिए कहा गया।

आदेश पर उचित अमल करें, वानखेड़े को दिए निर्देश
हेलमेट सख्ती के बारे में सहायक पुलिस आयुक्त (यातायात) सुरेश वानखेड़े ने गुरुवार को स्वयं का खुलासा पीछे लेकर बिना शर्त माफीनामा बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ के सामने पेश कर कोविड मरीजों के उपचार के लिए 21 हजार रु देने की इच्छा भी व्यक्त की। इस पर खंडपीठ ने उन्हें इसके आगे न्यायालय के आदेशों का उचित पद्धति से अमल करने के निर्देश दिए और माफीनामा स्वीकार कर मामला खत्म कर दिया।

48 घंटे में प्रशासन उपलब्ध कराए ऑक्सीजन
शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन किल्लत को लेकर गुरुवार की सुनवाई में संभागीय आयुक्त सुनील केंद्रेकर स्वयं हाजिर रहे और उन्होंने विस्तारपूर्वक जानकारी दी। औरंगाबाद शहर में उपचार के लिए मराठवाड़ा के अलावा नजदीकी जिले व पड़ोसी राज्य से मरीज आने से नियमित आपूर्ति के अलावा अतिरिक्त ऑक्सीजन की काफी पैमाने पर आवश्यकता निर्माण हुई है। इसकी पूर्ति के लिए विभिन्न जगहों से ऑक्सीजन उपलब्ध करना व स्थानीय स्तर पर उपलब्धता बढ़ाने के साथ राज्य सरकार से मांग दर्ज करने की जानकारी केंद्रेकर ने दी। इस पर प्रशासन की उपाय योजनाओं को लेकर संतुष्टि जताई। खंडपीठ ने शहर की आवश्यकता वाली रोजाना 218 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आने वाले 48 घंटे में उपलब्ध कराने संबंधी उचित उपाय योजनाएं करने के निर्देश अन्न औषधि विभाग को दिए।

ग्रामीण क्षेत्रों के कोरोना मरीजों को शहर के अस्पताल तक लाने के लिए वाहनों की उपलब्धता संबंधी राज्य सरकार की ओर से जानकारी पेश की गई। राज्य सरकार द्वारा जल्द और सुसज्ज एबुलेंस उपलब्ध कराने की जानकारी इस समय दी गई। इस पर खंडपीठ ने समाधान व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की किसी प्रकार प्रताड़ना नहीं होनी चाहिए। इस ओर पूरा ध्यान रखा जाए। मामले में न्यायालय के मित्र एड सत्यजीत बोरा, मंत्री संदीपान भुमरे की ओर से एड . सिद्धेश्वर ठोंबरे तो सरकार की ओर से एड डीआर काले ने कामकाज देखा। औरंगाबाद मनपा की ओर से एड संतोष चपलगांवकर,, नांदेड मनपा की ओर से एड राधाकृष्ण हिंगोले ,परभणी मनपा की ओर से एड धनंजय शिंदे ने कामकाज देखा।
 

Created On :   14 May 2021 5:06 PM IST

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