हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना को दी शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की इजाजत

High Court allows Uddhav Thackerays Shiv Sena to hold Dussehra rally at Shivaji Park
हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना को दी शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की इजाजत
 मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को झटका  हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना को दी शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की इजाजत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की अगुवाईवाली शिवसेना को कड़ा झटका दिया है। जबकि उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के 5 अक्टूबर को शिवाजी पार्क में सालाना दशहरा रैली के आयोजन का रास्ता साफ कर दिया है।   ठाकरे गुट को दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर शिवसेना के सचिव अनिल देसाई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें मुख्य रुप से मुंबई महानगरपालिका की ओर से दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति न दिए जाने के 21 सितंबर के आदेश को चुनौती दी गई थी। जबकि शिंदे गुट की ओर से विधायक सदा सरवणकर ने हाईकोर्ट आवेदन कर ठाकरे गुट की याचिका का विरोध किया था।

न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने शुक्रवार को लंबी सुनवाई के बाद शिवसेना के सचिव देसाई की याचिका को मंजूर करते हुए कहा कि इस मामले में मुंबई मनपा की ओर से जारी किया गया आदेश पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। खंडपीठ ने कहा कि मनपा के आदेश में यह कहीं नहीं कहा गया है कि सात दशक से हो रही शिवाजी पार्क में शिवसेना की रैली के दौरान कानून व्यवस्था से जुड़ी परेशानी पैदा हुई है। इस मामले में मनपा की ओर से जारी आदेश प्रमाणिक प्रतीत नहीं होता है। इसके साथ ही खंडपीठ ने मनपा के आदेश को रद्द करते हुए  ठाकरे गुट की शिवसेना को दो अक्टूबर से 6 अक्टूबर 2022 के बीच शिवाजी पार्क के मैदान के इस्तेमाल की इजाजत प्रदान कर दी। 

खंडपीठ ने कहा है कि रैली के दौरान कानून-व्यवस्था का ध्यान रखा जाए। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मनपा के वकील से पूछा कि पुलिस ने मनपा को कब कानून-व्यवस्था के बिगड़ने के बारे में जानकारी दी थी। जवाब में मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद साठे ने कहा कि मनपा ने 21 सिंतिबर को पुलिस को पत्र लिखा था और पुलिस ने 21 सितंबर को ही अपना जवाब मनपा को भेज दिया था। इसलिए शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति से जुड़े आदेश को अस्वीकार किया गया है। मनपा ने रैली की अनुमति से जुड़े आवेदन पर फैसला लेने में 20 दिन का समय क्यों लिया इस बात का कोई मतलब नहीं है।  वहीं शिवसेना के ठाकरे गुट की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आस्पी चिनाय ने कहा कि ठाकरे गुट का परंपरागत दशहरा सम्मेलन शिवाजी पार्क में 1966 से चल रहा है।

सिर्फ कोरोना महामारी के दौरान यह सम्मेलन नहीं हुआ है। मनपा ने 20 दोनों की लंबी अवधि के बाद ठाकरे गुट के आवेदन को रद्द किया है। उन्होंने कहा है कि कानून-व्यवस्था के बिगड़ने का हावाला देकर 21 सितंबर को मनपा ने ठाकरे गुट के आवेदन  को रद्द किया है। उन्होंने कहा कि क्या यहां की कानून-व्यवस्था इतनी कमजोर है। कानून-व्यवस्था कायम रखना सरकार का काम है। अधिवक्ता चिनाय ने कहा कि राज्य सरकार के साल 2016 के शासनादेश में भी  शिवाजी पार्क में शिवसेना के दशहरा सम्मेलन के आयोजन का उल्लेख किया गया है।  45 दिन शिवाजी पार्क का इस्तेमाल खेल के इतर गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। इसमें से मैदान को 11 दिन निजी संस्थाओं को दिया जा सकता है।  उन्होंने कहा कि यदि सम्मेलन को लेकर कोई शिकायत भी हो तो भी इस परंपरागत आयोजन को नहीं रोका जा सकता है। असली और नकली शिवसेना के मुद्दे का यहां पर कोई मतलब नहीं है।  वहीं शिंदे गुट के विधायक सरवणकर की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जनक द्वारकादास ने कहा कि असली शिवसेना कौन इससे जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है। किंतु खंडपीठ ने कहा कि यह मामला फिलहाल हमारे सामने नहीं है और विधायक सरवणकर के आवेदन को खारिज कर दिया। 

Created On :   23 Sept 2022 7:08 PM IST

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