हाथियों के झुंड ने मोटर पंप और पाइप लाइन की कर दी तोड़फोड़

Herd of elephants vandalized motor pump and pipeline
हाथियों के झुंड ने मोटर पंप और पाइप लाइन की कर दी तोड़फोड़
लगातार कर रहे नुकसान हाथियों के झुंड ने मोटर पंप और पाइप लाइन की कर दी तोड़फोड़

डिजिटल डेस्क,कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। ओड़िसा राज्य से गड़चिरोली जिले में दाखिल हुए जंगली हाथियों द्वारा किया जा रहा उत्पात कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले पांच दिनों से हाथियों के झुंड ने कुरखेड़ा तहसील में उधम मचाए रखा है। बुधवार की रात को हाथियों के झुंड ने तहसील के पलसगांव के खेत परिसर में जमकर उत्पात मचाया। गांव के कुल 7 किसानों के धान के ढेर को तहस-नहस करते हुए एक खेत में रखे मोटरपंप और पाइप-लाइन को भी क्षति पहुंचायी। साथ ही मिर्च के खेतों में पहुंचकर फसल को पूरी तरह रौंद डाला। लगातार हो रहे नुकसान के कारण क्षेत्र के किसान पूरी तरह संकट में हैं। गुरुवार को वनविभाग की टीम ने दिनभर नुकसानग्रस्त खेतों में पहुंचकर पंचनामा का कार्य किया। हाथियों का झंुड क्षेत्र में मौजूद होने से किसानों में दहशतपूर्ण माहौल बना हुआ है।   बता दें कि, वर्तमान में जंगली हाथियों का लोकेशन कुरखेड़ा वनपरिक्षेत्र के तहत आने वाले गोठणगांव उपक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 294 में है। बुधवार की रात जंगली हाथियों के झुंड ने पलसगांव परिसर में प्रवेश किया।

अधिकांश किसानों की धान की फसल आज भी खेतों में ही पड़ी है। किसानों ने ढेर बनाकर अपनी फसलें संजोकर रखी है। धान के इन्हीं ढेर को जंगली हाथियों ने अपना निशाना बनाया है। इस झंुड में जंगली हाथियों की संख्या कुल 27 होकर एकसाथ इन हाथियों ने गांव के कुल 7 किसानों के खेतों में प्रवेश किया। एक के बाद एक ऐसे कुल 10 से अधिक धान के ढेेर को तहस-नहस कर दिया। उल्लेखनीय है कि, धान के ढेर पूरी तरह सूखे होने के कारण धान की काफी महक फैली हुई है।  इसी महक से आकर्षित होकर हाथी धान के ढेर को बिखेर रहे हंै। हाथियों को सूखा धान पसंद होने के कारण खेतों में पहुंचकर जंगली हाथी इसी धान से अपनी भूख की मिटा रहे हैं। 7 किसानों की फसलों का नुकसान करने के बाद किसानों ने एक किसान के खेत में पहुंचकर मोटरपंप और पाइप-लाइन को भी क्षति पहंुचायी। इसके बाद समीपस्थ एक खेत मंे पहुंचकर मिर्च की फसल को रौंद डाला। वनविभाग के मुताबिक बुधवार की रात को पलसगांव निवासी टीकाराम चौधरी, यशवंत धकाते, किसनामती बालापुरे, अनिल धनबाते, लीलाबाई धनबाते, नीलकंठ कोरोटे, मनोज हुमणे आदि किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा। लगातार हो रहे नुकसान के कारण क्षेत्र के किसानों पर एक बार फिर संकट आन पड़ा है। नुकसान का सर्वेक्षण कर तत्काल वित्तीय मदद देने की मांग नुकसानग्रस्त किसानों द्वारा की जा रही है। 

 

Created On :   16 Dec 2022 1:23 PM IST

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