नाव से नदी पार कर लोगों तक पहुंचाई जा रही स्वास्थ्य-सेवा 

Health-service being delivered to the people by crossing the river by boat
नाव से नदी पार कर लोगों तक पहुंचाई जा रही स्वास्थ्य-सेवा 
राहत कार्य नाव से नदी पार कर लोगों तक पहुंचाई जा रही स्वास्थ्य-सेवा 

डिजिटल डेस्क, एटापल्ली (गड़चिरोली)। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तोडसा अंतर्गत नदी किनारे बसे कुदरी गांव में बारिश के दिनों जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवा देनी पड़ रही है। मंगलवार को नाव से नदी पार कर स्वास्थ्य कर्मचारी कुदरी गांव पहुंचे और 24 घंटे के भीतर नवजात शिशु को अत्यावश्यक टीका लगाकर उसके जीवन को सुरक्षित किया। वर्तमान राज्य समेत जिले में मूसलाधार बारिश होकर नदी-नाले उफान पर हैं। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवा पर दुष्परिणाम होता दिखाई देता है। किंतु परिस्थिति पर मात कर तोडसा के स्वास्थ्य पथक नदी नाव के सहारे पार कर कुदरी गांव पहुंचकर आदिवासी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा दे रहे हैं।  इसी तरह मंगलवार 26 जुलाई को नदी  पार मोहुर्ली गांव निवासी गर्भवती माता चमरी महारु गावडे (32) की पेट में दर्द होने से उसकी पति ने मवेली उपकेंद्र की स्वास्थ्य सेविका दुर्वा को मोबाइल से संपर्क कर जानकारी दी तथा उन्हें कुदरी नदी घाट पर आकर रहने की बात कही।

स्वास्थ्य सेविका व टीम एम्बुलेंस लेकर नदी घाट पर करीब 2 घंटे बाद भी गर्भवती माता नदी घाट पर नहीं पहुंची। इसके पश्चात फोन आया कि वह नहीं आ सकती है। तब स्वास्थ्य सेविका व टीम तोडसा के मानसेवी वैद्यकीय अधिकारी तथा प्रभारी वैद्यकीय अधिकारी डा. राकेश नागोसे को घटना की जानकारी दी। दूसरे दिन वैद्यकीय अधिकारी समेत स्वास्थ्य सेविका, सीएचओ, स्वास्थ्य सेवक एम्बुलेंस साथ में लेकर नदी घाट पर पहुंचे। वहां से ग्रामीणों के साथ उन्होंने नाव से नदी पार की और करीब 4 किमी पैदल सफर कर कुदरी गांव पहुुंचे। गांव में गर्भवती माता से मुलाकात कर उक्त माता की प्रसूति तड़के 3 बजे के दौरान घर में होने की बात कही। माता व शिशु की जांच करने पर शिशु की वजन 3 किलो पाया गया। माता की शरीर में रक्त की कमी होकर हीमोग्लोबिन स्तर 4.5 ग्राम पाया गया। तब माता को अस्पताल में भर्ती कर रक्त देने की आवश्यकता होने की बात कही गई। किंतु अस्पताल में जाने की इच्छा नहीं होने से करीब 3 से 4 घंटे स्वास्थ्य टीम उनके घर में रहकर औषधोपचार किया। आगे के उपचार के लिए संदर्भ सेवा की आवश्यकता होने की बात कहने पर भी वह अस्पताल जाने तैयार नहीं हुए। आखिरकार दूसरे दिन प्रसूता से मुलाकात कर स्वास्थ्य पथक एटापल्ली वापस पहुंचा। 
 

Created On :   29 July 2022 2:57 PM IST

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