- Home
- /
- क्या विधानसभा से बड़े हो गए विधिक...
क्या विधानसभा से बड़े हो गए विधिक सलाहकार?
डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर सरकर और राजभवन के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। यही नहीं यह टकराव अब राजभवन बनाम कांग्रेस बनता जा रहा है। आरक्षण को लेकर कांग्रेस पार्टी अब राजभवन के खिलाफ खुलकर विरोध प्रदर्शन के साथ आंदोलन करने के मूड में है। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि सत्ताधारी पार्टी ने ऐसा आंदोलन किया हो, मगर आरक्षण संशोधन विधेयक अटका होने की वजह से ऐसे हालात बन रहे हैं। सोमवार को कांग्रेस भवन में हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजभवन के अफसरों, विधिक सलाहकारों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राजभवन के विधिक सलाहकर विधानसभा से भी बड़े हो गए हैं क्या? पत्रकारों के समक्ष यह सवाल उछालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वैधानिक संस्थाओं को नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है।
राहुल जी भी कहते हैं कि संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम हो रहा है। हमारे सभी अधिकारी इस बात के विरोध में थे कि फिर से जवाब देना है। ऐसी कोई संवैधानिक व्यवस्था ही नहीं है। बघेल ने कहा कि फिर भी मैंने राज्यपाल की जिद को ध्यान में रखकर प्रदेश की पौने तीन करोड़ जनता को आरक्षण का लाभ मिले ये सोचकर जवाब भेजे। राज्यपाल का इगो भी सैटिसफाई हो जाएगा। मगर अब राज्यपाल की ओर से कहा गया है कि परीक्षण करेंगे।
3 को महारैली निकालेगी कांग्रेस
मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि, कौन करेगा परीक्षण जो विधानसभा से बड़ा हो गया? हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट है परिक्षण के लिए लेकिन ये काम विधिक सलाहकार करेंगे। ये तो दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा कि इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सभी नेताओं ने फैसला किया है कि 3 जनवरी को बड़ी रैली निकाली जाएगी। मीडिया से चर्चा में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा- भाजपा हमेशा नफरत फैलाने का काम करती है। प्रदेश की राज्यपाल भी भाजपा के जाल में फंसी हैं। पत्रकारों द्वारा ये पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस का विरोध राज्यपाल के खिलाफ होगा, लखमा ने कहा कि नहीं ये प्रदर्शन भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ होगा। आरक्षण की जो परिस्थिति प्रदेश में बनी है उसकी जिम्मेदार भाजपा ही है, इसलिए 3 तारीख को बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने कहा, हम दिल्ली जाकर भी आंदोलन करेंगे।
Created On :   26 Dec 2022 8:09 PM IST