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महावितरण और एमपीसीपी को हरित लवाद ने भिजवाया नोटिस
डिजिटल डेस्क, अमरावती। स्थानीय एमआईडीसी स्थित कारखाने में प्रतिबंधित प्लास्टिक मिलने के बाद एमपीसीपी द्वारा संबंधित कारखाने की बिजली व पानी बंद करने के नोटिस देने के बाद भी इस ओर अनदेखी करने के मामले में पुणे स्थित राष्ट्रीय हरित लवाद ने अमरावती की महावितरण के कार्यकारी अभियंता समेत एमआईडीसी स्थित बी-28 स्थित में कोठारी प्लास्टिक इंड्रस्टीज के संचालक और अमरावती एमपीसीपी को लवाद ने नोटिस जारी किया है। इस मामले में आगामी 12 दिसंबर निश्चित की गई है और 12 दिसंबर से पहले जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
जानकारी के अनुसार वसुंधरा फाउंंडेशन द्वारा इस मामले को लेकर दाखल की गई याचिका को पुणे खंडपीठ के हरित लवाद में स्वीकार करते हुए 2 नवंबर को इस मामले में नोटिस जारी किया है। 27 जुलाई 2022 को मै. कोठारी प्लास्टिक इंड्रस्टीज की महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से छापामार कार्रवाई के दौरान प्रतिबंधित प्लास्टिक यानी 50 मायक्रॉन से कम मोटी की 225 किलो प्लास्टिक इस कारखाने में पाई गई थी। जिस पर 28 जुलाई को कलम 33 (ए) के तहत मै. कोठारी प्लास्टिक को क्लोजर नोटिस जारी किया।
महावितरण कंपनी के अमरावती के कार्यकारी अभियंता को इस कारखाने का विद्युत कनेक्शन तत्काल खंडित करने के निर्देश दिए थे। किंतु महावितरण ने पर्यावरण से संबंधित इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया और इस कारखाने की विद्युत आपूर्ति खंडित नहीं की। इस कारण कारखाना सितंबर महीने तक शुरू रहा। सितंबर में 13 हजार 842 और अगस्त में 9 हजार 222 यूनिट बिजली का इस्तेमाल इस कारखाने ने किया। यह बात याचिकाकर्ता गणेश अनासाने ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य कार्यालय अध्यक्ष व सदस्य सचिव के निदर्शन में लाकर दी और इस मामले में हरित लवाद की पुणे खंडपीठ में याचिका दाखिल की। जिस पर 2 नवंबर को पहली सुनवाई करते हुए हरित लवाद ने प्रतिवादियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 12 दिसंबर से पहले सभी प्रतिवादियों को इस नोटिस पर अपना पक्ष रखना होगा।
Created On :   4 Nov 2022 2:05 PM IST