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हरदा की अर्चना नागर इंदौर ग्लोबल समिट में होंगी शामिल, इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए बनाया बूस्टर ड्रिंग
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डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के हरदा जिले के सिरकंबा गांव की अर्चना नागर ने अपने मां के साथ मिलकर कृषि के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मां- बेटी की जोड़ी ने खेती को एक नया आयाम दिया है। मां- बेटी की तारीफ इसलिए भी की जा रही है क्योंकि इनका एक काम लोगों के सेहत को सुरक्षित रखने का कार्य कर रह है। बता दें कि अर्चना नागर और उनकी मां निर्मला बाई पिछले पांच वर्षों से फूलों की खेती कर रहे हैं। ये ऐसे फूल हैं जिसके रस से इंसानों की इम्युनिटी को बूस्ट किया जा सकता है। अर्चना नागर को इंदौर में होने जा रही ग्लोबल समिट में आमंत्रित किया गया है। जहां पर वो अपने खेती से जुडे़ चीजों को शेयर करेंगी। रोजेला फूल को उगाने में क्या-क्या चुनौतियां रही और इससे कैसे इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक तैयार किए जाते हैं। इन सारी बातों पर अर्चना प्रजेंटेशन देने वाली हैं।
क्या है रोजेला फूल
रोजेला दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाला एक फूल है। रिसर्च की माने तो फूल में विटामीन सी पाया जाता है। जिसके सेवन से इम्यूनिटी को बूस्ट किया जा सकता है। लेकिन अगर इसका ड्रिंक बना कर सेवन करें तो ज्यादा लाभदायक होगा। रोजेला में विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है। जिसके सेवन करने से शरीर में विटामिन सी की कमी दूर होती है। जिससे आपका शरीर किसी भी संक्रमण से निपटने के लिए तैयार रहता है। वहीं, वैज्ञानिकों ने इस फूल को हिबिस्कस सबदरिफा नाम दिया है। जिसे सामान्य भाषा में रोजेला कहा जाता है।
स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद
38 वर्षींय अर्चना नागर कामर्स की छात्रा रहीं हैं। उन्होंने प्रारभिंक पढ़ाई अपने गांव सिरकंबा के सरकारी स्कूल से की है। जिसके बाद बारहवीं की पढ़ाई के लिए वारखेड़ा नवोदय विद्यालय में नामांकन करवाया। वहीं नागर ने इंदौर से कामर्स व राजनीतिक शास्त्र से पीजी भी कर चुकी हैं।
रोजेला फूल के बारे में अर्चना ने बताया कि इसे उगाना इतना आसान नहीं रहा। पांच वर्षों की कड़ी मशक्त के बाद अब हमने सही तरीके से खेती करना शुरू किया है। उन्होंने रोजेला फूल को सेहत के लिए फयदेमंद बताते हुए कहा कि ये कोविड-19 के लिए भी रामबाण है। इसके सेवन करने से इम्युनिटी को बूस्ट किया जा सकता है। जिससे कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है। रोजेला से ड्रिंक तैयार करने के लिए अर्चना ने बताया कि सबसे पहले फूलों को पौधों से अलग कर अच्छी तरह धूप में सुखा लिया जाता है। इसके बाद मशीन की सहायता से फूलों को पाउडर बना लिया जाता है। जिसके बाद इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक में बदल दिया जाता है।
20 एकड़ में किया फूलों की खेती
अर्चना कहती हैं सरकार की मंशा है कि किसान परंपरागत खेती से आगे बढ़कर व्यावसायिक खेती करे। जिससे उनकी आय दोगुनी हो जाए। और वो आत्मनिर्भर बने। अर्चना ने आगे कहा कि मैं कोई ओर नौकरी ना करके खेती किसानी में किस्मत आजमाने आई थी। लेकिन खेती की वजह से मुझे अच्छा मुनाफा भी हो रहा है। बता दे कि अर्चना नागर रोजेला फूल की खेती पहले अपने गांव में ही करती थी। लेकिन ज्यादा डिमांड होने की वजह से वो फूलों की खेती अपने गांव के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी शुरूकर दिए है। फिलहाल वो सिरकंबा गांव के अलावा अन्य जगह पर करीब 20 एकड़ में फूलों की खेती कर रही है।
Created On :   24 Dec 2022 10:10 PM IST