हवा फेंक रहे हैंडपंप, तहसीलदार भी नहीं निकाल पाए पानी 

Hand pump throwing air, even Tehsildar could not remove water
हवा फेंक रहे हैंडपंप, तहसीलदार भी नहीं निकाल पाए पानी 
गड़चिरोली में भीषण जलसंकट हवा फेंक रहे हैंडपंप, तहसीलदार भी नहीं निकाल पाए पानी 

डिजिटल डेस्क, सिरोंचा (गड़चिरोली) । वर्तमान ग्रीष्मकाल शुरू होने के बाद सिरोंचा तहसील के अतिदुर्गम क्षेत्र के रूप में पहचाने जानेवाले झिंगानूर परिसर में भीषण जलसंकट बना हुआ है। यहां अप्रैल माह से कुओं, हैंडपंप के जलस्तर में गिरावट आई है। मई मई माह में भीषण जलसंकट की समस्या निर्माण हुई। इस गांव के जलसंकट व अन्य समस्याएं जानने के लिए तहसीलदार ने झिंगानूर गांव को भेंट दी। इस दौरान यहां के एक डैंडपंप के डंडे को तहसीलदार ने स्वयं हिलाकर भी देखा, किंतु डैंडपंप से पानी निकालने में नाकाम हुए। हैंडपंप से पानी नहीं आया। 

बता दें कि, जिले के सिरोंचा तहसील गोदावरी, प्राणहिता और इंद्रवती इन तीन नदियों से घिरा हुआ है। बावजूद भी झिंगानूर परिसर में प्रतिवर्ष भीषण जलसंकट निर्माण होती है। ग्रीष्मकाल में परिसर के नागरिकों को बाहरी स्रोत से पानी लाना पड़ता है। झिंगानूर चेक 1 और झिंगानूर चेक 2 व झिंगानूर माल इन 3 गांवों में पानी की समस्या निर्माण होती है। इन परिसर में ग्रीष्मकाल शुरू होते ही कुएं, बोरवेल का जलस्तर घटने लगता है। इन गांवों की जलसंकट व अन्य समस्याएं जानने के लिए सिरोंचा के तहसीलदार जितेंद्र शिकतोडे ने अन्य अधिकारियों के साथ इस परिसर में भेंट दी। तहसीलदार ने एक  हैंडपंप को भी हिलाकर देखा, तो उक्त हैंडपंप से एक बुंद भी पानी नहीं निकला। इस समय ग्रामीणों ने जलसंकट की समस्या को हल करने के लिए तहसीलदार को परिसर में विभिन्न उपाययोजनाएं चलाने का अनुरोध किया।

झिंगानुर परिसर के कोर्ला, रमेशगुडम, कर्जेली, किष्टय्यापली, कोपेला, पुल्लिगुडम, पातागुडम, रायगुडम, पेंडायाला, येडसिली, वडदेली, मंगीगुडम इन गांवों के विभान्न योजनाओं की जानकारी दी गई। इस समय तहसीलदार के साथ बीडीओ विकास घोडे, झिंगानुर के वनपरिक्षेत्र अधिकारी बारसागडे, समाजसेवक रामचंद्र कुमरी, भारत मडावी, पटवारी राहुल पोरतेट, झिंगानुर के पटवारी तडोसे समेत ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। बता दें कि, सिरोंचा तीन नदियों से घिरा होकर बारह माह बहने प्राणहिता, गोदावरी और इंद्रवती नदी है। फिर भी ग्रीष्मकाल की शुरूआत होते ही कुएं, बोरवेल की जलस्तर घटने से इस क्षेत्र के नागरिकों को नदी का पानी पीना पड़ता है। गांव के कुएं वर्तमान स्थिति में सूख गए हैं। वहीं बोरवेल की जलस्तर घटने से बोरवेल से पानी नहीं आता है। जिससे ग्रामीणों को पानी के लिए प्रतिदिन इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। क्षेत्र के नागरिकों ने इसके पहले प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को अनेक बार ज्ञापन सौंपकर इस क्षेत्री की समस्या हल करने के मांग की थी। किंतु प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण आज भी क्षेत्र में भीषण जलसंकट बना हुआ है। इस ओर प्रशासन व जनप्रतिनिधि ध्यान देकर क्षेत्र की जलसंकट समस्या का हल करें। यह मांग नागरिक कर रहे हैं। 
 

Created On :   19 May 2022 4:01 PM IST

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