आतंकी हैदर की मां ने कहा बेटे से बड़ा देश; फैसला चाहे जो हो

Haiders mother said the country is above the son; not worried
आतंकी हैदर की मां ने कहा बेटे से बड़ा देश; फैसला चाहे जो हो
आतंकी हैदर की मां ने कहा बेटे से बड़ा देश; फैसला चाहे जो हो

ओम प्रकाश सिंह, औरंगाबाद।   बोधगया महाबोधि मंदिर ब्लास्ट मामले में गुरुवार को सजा का ऐलान होगा। एनआईए कोर्ट हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दे चुका है। इस घटना का मास्टरमाइंड हैदर अली की मां रेहाना ने कोर्ट के फैसले के पहले बोली कि रमजान का पाक महीना चल रहा है। बेटे से बड़ा देश है। बेटा अगर देश के खिलाफ साजिश किया है, तो उसे जो भी सजा मिले मुझे कोई परवाह नहीं। हैदर मदनपुर प्रखंड के खिरियावां का रहने वाला है। फिलहाल घर पर उसकी मां रेहाना व दो बड़े भाई तथा एक बहन रहती है। पिता आलम अंसारी रांची के डोरंडा में दर्जी का काम करता है। 

मां को है अफसोस
70 रुपए देकर पढ़ने के लिए नहीं भेजती रांची, तो ये दिन नहीं देखना पड़ता। बोधगया ब्लास्ट मामले के मास्टर माइंड व सिमी का आतंकी हैदरअली की मां रेहाना को आज एक कसक है। रेहाना ने बताई कि हैदर पढ़ने में शुरू से अच्छा था। डेहरी हाई स्कूल से 2004 में फ़र्स्ट डिवीजन से मैट्रिक पास किया था। इसके बाद बीड़ी बेचकर जमा किए गए 70 रुपए देकर उसे पढ़ने के लिए पिता के पास रांची के डोरंडा में भेजा था। वहां भी वह इंटर से लेकर एमए तक की पढ़ाई में अच्छे अंकों से पास किया। वह 2013 में कॉलेज टॉप भी रहा है, लेकिन इसी दौरान बोधगया ब्लास्ट मामले में उसका नाम आया। पूरा परिवार तिलमिला गया। उससे मिलने जेल में गई, तो उसने खुद को निर्दोष बताया। मुझे कानून पर पूरा भरोसा है।  फिर उसे दोषी करार दे दिया गया। अब कोर्ट का चाहे, जो भी फैसला हो उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन बेटा है, तो थोड़ी कसक जरूर है।

महाबोधि मंदिर में हुए थे नौ धमाके
7 जुलाई, 2013 को बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में एक के बाद एक 9 सीरियल धमाके हुए थे। जिसमें दो बौद्ध भिक्षु जख्मी हुए थे। हालांकि किसी की जान नहीं गई। इस घटना की साजिश सिमी आतंकी व मदनपुर के खिरियावां निवासी हैदर ने रची थी। इस मामले में हैदर समेत आधा दर्जन आतंकियों को एनआईए ने रांची से गिरफ्तार किया था। इस मामले में एनआईए ने 90 लोगों की गवाही ली। छह के खिलाफ एनआईए ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। जिनमें मास्टरमाइंड हैदर अली, उमेर सिद्दीकी, अजहरउद्दीन कुरैशी, मुजीबुल्लाह अंसारी व इम्तेयाज अंसारी तथा एक नाबालिग शामिल था। नाबालिग को इस मामले में जुबेनाइल बोर्ड ने तीन साल की सजा सुनाया जा चुका है। 

बीड़ी बेचकर जलता है चूल्हा
हैदर की मां रेहाना बीड़ी बना कर बेचती है। जिसकी कमाई से घर का चूल्हा जलता है। हैदर तीन भाइयों में सबसे छोटा है। सबसे बड़ा भाई मानसिक रूप से विक्षिप्त है।  दूसरा भाई वेल्डिंग दुकान पर काम करता है। पिता आलम अंसारी कभी भी अपना गांव नहीं आता। रेहाना का पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। एक बेटी की शादी तो किसी तरह कर ली। लेकिन एक बेटी की शादी अभी करनी है। खिरियावां मुस्लिम टोला निवासी व हैदर का पड़ोसी मोइनउद्दीन का कहना है कि हैदर बचपन से पढ़ने में तेज था। लेकिन उसका आचरण ठीक नहीं था। वह सनकी जैसा हरकत करता था। रांची में आया आतंकियों के संपर्क में  सूत्रों की मानें तो सिमी का आतंकी खिरियावां निवासी हैदर पढ़ने के लिए रांची के डोरंंडा गया था। पढ़ाई के साथ प्लंबर का काम करता था। इसी दौरान उसकी जान-पहचान सिमी के कुछ सक्रिय आतंकियों से हुई। आतंकियों ने उसे म्यांमार में हो रहे रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार का बदला लेने के लिए उकसाया था। जिसके बाद हैदर ने बोधगया महाबोधि मंदिर में ब्लास्ट की साजिश रची थी। 
 

Created On :   30 May 2018 12:27 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story