सोनाेग्राफी के लिए तय करना पड़ रहा 70 किमी का सफर  

Had to travel 70 km for sonography
 सोनाेग्राफी के लिए तय करना पड़ रहा 70 किमी का सफर  
समस्या  सोनाेग्राफी के लिए तय करना पड़ रहा 70 किमी का सफर  

डिजिटल डेस्क, कोरची. (गड़चिरोली)। राज्य के आखरी छोर पर बसे आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले की माता मृत्यु, बाल मृत्यु व कुपोषण कम करने सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, जिसके एक भाग के रूप में स्वास्थ्य वर्धनी केंद्र शुरू कर गर्भवती माताओं को लाभ दिया जाता है लेकिन एक भी डॉक्टर स्वास्थ्य वर्धनी केंद्र में उपस्थित नहीं रहता। वहीं स्त्रीरोग विशेषज्ञ डाक्टर के अभाव में कोरची ग्रामीण अस्पताल की  सोनोग्राफी मशीन धूल खा रही है। इस कारण 113 गांवों की गर्भवतियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें 70 किमी की दूरी तय कर आरमोरी आकर सोनाेग्राफी करवानी पड़ रही है। गड़चिरोली जिला मुख्यालय से करीब 120 किमी दूरी पर बसे कोरची तहसील आदिवासी बहुल व नक्सलग्रस्त तहसील के रूप में जानी जाती है।

 इस तहसील के नागरिक व गर्भवती माताओं को सोनोग्राफी का लाभ मिले इस उद्देश्य से सरकार की ओर से लाखों रुपए खर्च कर सोनोग्राफी सेंटर शुरू किया गया लेकिन अस्पताल में सोनोग्राफी विशेषज्ञ डाक्टर की नियुक्ति नहीं किए जाने से मशीन धूल खा रही है। तहसील के 113 गांवों के मरीज व गर्भवती माताओं को सोनोग्राफी के लिए करीब 60 से 70 किमी का सफर तय कर आरमोरी आना पड़ रहा है, जिससे मरीजों को मानसिक समेत वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ रहा है। तहसील मुख्यालय में ग्रामीण अस्पताल व दो प्राथमिक केंद्र होकर अस्पताल में सामान्य परेशानी होने पर मरीजों को गड़चिरोली जिला मुख्यालय में रेफर करने की सिलसिला शुरू है, जिससे मरीजों को 120 किमी सफर कर गड़चिरोली जिला मुख्यालय में उपचार लेना पड़ रहा है। इस अस्पताल में स्त्रीरोग विशेषज्ञ डाक्टर व सोनोग्राफी विशेषज्ञ डाक्टर की नियुक्ति करने की मांग नागरिक समेत मरीजों ने की है। 
  

Created On :   26 Dec 2022 3:13 PM IST

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