आपदा प्रबंधन के लिए तैयार रहे सरकारी विभाग
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। बारिश का मौसम शुरू होने में अब अधिक समय नहीं बचा है। ऐसी परिस्थिति में हर विभाग को तैयार रहना आवश्यक है। साथ ही जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का सूक्ष्म प्रारूप तैयार रखना जरूरी है। अचानक आयी अापदा से निपटना कठिन होता है। बारिश के दिनों में अचानक बाढ़ आना, बांधों का फूटना, सड़कंे बह जाना, गांवों में पानी घुस जाना जैसी समस्याएं निर्माण होती है। जिसे देखते हुए सभी संबंधित विभाग आपत्ति निवारण के लिए तैयार रहे। ऐसे आदेश जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे ने जिलाधिकारी कार्यालय के सभागृह में आयोजित मान्सून पूर्व समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों को दिए। इस बैठक में निवासी उपजिलाधिकारी स्मिता बेलपत्रे, उपविभागीय अधिकारी अनमोल सागर, शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन डा. कुसुमाकर घोरपडे, जिला शल्य चिकित्सक डा. अमरीश मोहबे, आपदा प्रबंधन अधिकारी राजन चौबे एवं विविध विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
जिले में पुराने रास्ते, इमारत, पुल, शासकीय इमारत, शाला, महाविद्यालय, बांध एवं मामा तालाब का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर उनके उपयोग योग्य होने का प्रमाणपत्र देना आवश्यक होने की बात जिलाधिकारी ने कहीं। साथ ही नदी क्षेत्र एवं सिंचाई क्षेत्र के अंतर्गत किए गए अतिक्रमण दो माह में हटाने की कार्रवाई करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। जिलाधिकारी ने हर गांव में फस्ट रिस्पांस टीम तैयार करने की सूचना दी। मान्सून में हर तहसील में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर वह 24 घंटे कार्यरत रहे यह निर्देश दिए। बताया गया कि गोंदिया जिले में 96 गांव बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत आते है। जिनके लिए विशेष उपाय योजना का प्रारूप तैयार करने, उक्त गांवों के लिए वैकल्पिक मार्ग की सूची तैयार करने साथ ही बारिश में संपर्क टुटने वाले गांवों की सूची तत्काल प्रस्तुत करने के साथ ही आपदा के समय किए जाने वाले कामों की कार्य पद्धती अपडेट करने को भी उन्होंने कहा। बैठक में जिलाधिकारी ने 1 जून से तहसीलवार नियंत्रण कक्ष स्थापित कर उनमें पर्याप्त कर्मचारियों की नियुक्ती करने के साथ ही नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन समिति गठित करने को कहा। अनुभवी एवं तैराक व्यक्तियों की सूची अपडेट करने के साथ ही इस सूची में राजस्व एवं पुलिस विभाग के अनुभवि कर्मचारियों को समाविष्ट करने के निर्देश दिए। मान्सून पूर्व कार्य विविध विभागों को अभी से करने को भी कहा। प्रतिवर्ष बारिश में बस, कार आदि बहने, नागरिकों के बाढ़ में फसने एवं रेलवे रूट पर बारिश का पानी भर जाने की घटनाएं घटित होती है। पिछले आपत्तीयों का अनुभव एवं उससे सबक लेते हुए उपाय योजनाएं करने की बात कही।
Created On :   29 April 2023 3:13 PM IST