गोवा सरकार करेगी वझ्झर मॉडल का अध्ययन
डिजिटल डेस्क, अमरावती । अनाथों के नाथ के रूप में महाराष्ट्र में सुविख्यात शंकरबाबा पापडकर को गोवा में 5 से 7 जनवरी तक दिव्यांग समाज कल्याण, पर्यटन एवं मनोरंजन समिति द्वारा आयोजित सम्मेलन में विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस दौरान उन्होंने अमरावती जिले के वझ्झर के स्व. अंबादासपंत वैद्य अनाथ दिव्यांग बालगृह के संचालक के रूप में 18 साल से अधिक अनाथ दिव्यांगों को उम्रभर बालगृह में रहने संबंधित सलाह गोवा सरकार को दी। गोवा की मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने इसी स्वीकार करते हुए गोवा में इस बारे में कानून बनाने का भरोसा दिलाया। कार्यक्रम में लाखों दिव्यांगों के साथ 100 से अधिक विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। गोवा सरकार के सरकारी सूचना आयुक्त संजय ठवलीकर ने विमान टिकट के साथ शंकरबाबा पापडकर को विशेष आमंत्रण दिया था।
7 जनवरी को पणजी के पर्पल फेस्ट सभागृह में शंकरबाबा पापडकर ने वझ्झर मॉडल की जानकारी दी। इसमें 123 दिव्यांगों के पिता के रूप में शंकरबाबा पापडकर का नाम, सभी अनाथ बच्चों के आधारकार्ड सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि उनके अनाथाश्रम के माध्यम से 30 युवक-युवतियों का विवाह, 12 को सरकारी नौकरी, गांधारी नामक नेत्रहिन अनाथ युवती को लता मंगेशकर पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इन दिव्यांग बच्चों द्वारा 15 हजार से अधिक पौधे रोपित कर इनका संवर्धन किया गया। ऐसे अनाथ बच्चों को उम्रभर बालगृह में रहने देने का आग्रह उन्होंने किया। जिसे गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने मंजूर की और अपने शासकीय निवासस्थान पर शंकरबाबा को बुलाकर कानून का प्रस्ताव अगले अधिवेशन में बनाकर भारत सरकार को भेजने का भरोसा दिलाया। वज्झर मॉडल का अध्ययन करने के लिए गोवा के दिव्यांग आयुक्त गुरु बावस्कर के साथ विशेषज्ञों का प्रतिनिधि मंडल वज्झर भेजकर इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने का भरोसा मुख्यमंत्री डॉ. प्रमाेद सावंत ने जताया। इस मौके पर माय हाेम इंडिया संस्था के अभय थिटे, सूचना अायुक्त संजय ठवलीकर, दिव्यांग आयुक्त गुरु बावस्कर, अनाम प्रेम संस्था के प्रशांत भाट उपस्थित थे।
Created On :   10 Jan 2023 4:22 PM IST