50 फीसदी पानी दें, अन्यथा 1 मई को जलसमाधि 

Give 50 percent water, otherwise on May 1, water samadhi
50 फीसदी पानी दें, अन्यथा 1 मई को जलसमाधि 
आंदोलन की चेतावनी 50 फीसदी पानी दें, अन्यथा 1 मई को जलसमाधि 

डिजिटल डेस्क, यवतमाल।  महाराष्ट्र और तेलंगना सीमा पर पैनगंगा नदी पर चनाखा बैरेज निर्माण किया गया है। जिन लोगों की इस बैरेज के लिए जमीन गई उन्हें विस्थापित होना पड़ा है। उनके लिए मुआवजा व  खेती के लिए 50 फीसदी पानी दे अन्यथा 1 मई को जल समाधि आंदोलन करने की चेतावनी किसान नेता किशोर तिवारी ने दी है। वे 20 अप्रैल को चनाखा गांव में पहुंचे थे। यहां पर एक दिन का अनशन किया गया। वहां पीड़ितांे ने उन्हें बताया कि, उनकी जमीनंे जाने के बावजूद महाराष्ट्र सरकार न तो मुआवजा दे रही है और न ही सिंचाई के लिए पानी।  इसलिए 1 मई को जल समाधि आंदोलन किया जा रहा है। यह जानकारी श्रीराम नुन्नलवार, नरसिंग अय्यपवार, गंगाराम दांडेकर, चंद्रकांत बंडेवार, सुभाष्ज्ञ दांडेकर, अडेलु मिटपेल्लीवार, मनोहर दांडेकर, रमेश मिटपेल्लीवार, प्रशांत शेर्लावार, देवुबाई मुक्कावार, कलावती नक्कलवार, राजू मोरे ने दी है। 

किशोर तिवारी ने आरोप किया कि, राज्य सरकार तेलंगणा के सामने भीगी बिल्ली बनी हुई है। यही नही उनके अधिकार का मुआवजा भी देने में आनाकानी कर रही है। राज्य सरकार तेलंगणा के सामने क्यों झुक रही है, ऐसा सवाल भी तिवारी ने पुछा। 20 अप्रैल को चनाखा बॅरेज का पुरा निरीक्षण उन्होंने किया। इस समय आसपास के गांवों के शेकड़ो किसान परिवार उपस्थित थे। तेलंगाना सरकार ने पनगंगा नदी पर चनाका में बैराज का निर्माण किया है। पर्यावरण और वन विभाग के सभी नियमों को ताक पर रखते हुए राज्य सरकार से पूछे बिना चनाका गांव में यह बैराज बनाया गया है। लेकिन वर्तमान में सुरक्षा दीवार है केवल 200 फीट और इससे पूरे गांव में खतरा पैदा हो गया है। 20 अप्रैल को तेलंगाना सरकार ने सैकड़ों परियोजना प्रभावित वंचित आदिवासियों के विरोध को नजरअंदाज कर दिया, एक तरफ तेलंगाना के मुख्यमंत्री भारत राष्ट्र समिति को उनके राज्य से निकाल कर महाराष्ट्र में एक राजनीतिक इकाई बना रहे हैं, फिर भी राज्य सरकार उनका विरोध नही कर रही है। अब महाराष्ट्र के किसानों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। ऐसा आरोप भी शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता किशोर तिवारी ने किया।  

Created On :   22 April 2023 3:58 PM IST

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