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घोट के वनपाल और वनरक्षक को किया निलंबित
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। जिले के आलापल्ली वनविभाग अंतर्गत घोट वन परिक्षेत्र के आरक्षित वनभूमि में अवैध रूप से मुरूम का उत्खनन करने का मामला अब गरमाने लगा है। भारतीय मानवाधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र डोमले द्वारा इस मामले की शिकायत वरिष्ठ स्तर पर करने से अब विभाग भी सकते में आ गया है। इस मामले में आलापल्ली के उपवनसंरक्षक राहुलसिंह टोलिया ने घोट वन परिक्षेत्र में कार्यरत वनपाल लटारे और वनरक्षक आतला को निलंबित कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, घोट वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले घोट स्थित जैव विविधता उद्यान और सड़क निर्माण के लिए वनाधिकारियों व वनकर्मचारियों ने एक ठेकेदार के नाम पर स्वयं मुरूम का उत्खनन किया। आरक्षित वन भूमि से तकरीबन 1 हजार 100 ब्रास मुरूम का अवैध उत्खनन किया गया। इस उत्खनन के दौरान बड़े पेड़ों की कटाई भी धड़ल्ले से की गयी। भारतीय मानवाधिकार परिषद के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र डोमले द्वारा जब इस मामले को उठाया गया तो विभाग ने मामले की जांच शुरू की। प्राथमिक जांच के दौरान आलापल्ली के उपवनसंरक्षक टोलिया ने घोट के वनपाल लटारे और वनरक्षक आतला को निलंबित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में और भी अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
जांच चल रही है
आरक्षित वनभूमि से मुरूम का उत्खनन करना गैरकानूनी है। शिकायत प्राप्त होते ही मामले की जांच आलापल्ली के उपवनसंरक्षक के माध्मम से शुरू की गयी है। प्राथमिक जांच में दोषी पाये जाने पर 2 वन कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गयी है। मामले की गहनता से जांच शुरू है। - डा. किशोर मानकर, वनसंरक्षक, गड़चिरोली वनविभाग
वनपरिक्षेत्र अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं?
घोट की आरक्षित वनभूमि पर मुरूम के अवैध उत्खनन में वरिष्ठ अधिकारी भी लिप्त है। घोट के वनपरिक्षेत्र अधिकारी समेत आलापल्ली के सहायक वनसंरक्षक भी इस मामले में दोषी है। लेकिन विभाग ने केवल वनपाल और वनरक्षक पर ही निलंबन की कार्रवाई की है। वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की आवश्यकता है। - गजेंद्र डोमले, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय मानवाधिकार परिषद
Created On :   20 Dec 2022 1:24 PM IST