दो सप्ताह में कामगारों का वेतन न्यायालय में जमा करवाएं

Get the workers salary deposited in the court in two weeks
दो सप्ताह में कामगारों का वेतन न्यायालय में जमा करवाएं
कामगारों का डेरा आंदोलन   दो सप्ताह में कामगारों का वेतन न्यायालय में जमा करवाएं

डिजिटल डेस्क,  चंद्रपुर।  पिछले 16 माह से शुरू डेरा आंदोलन के संबंध में मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई में दो सप्ताह में (6 जुलाई) के भीतर ठेका कामगारों का वेतन न्यायालय में जमा करने के आदेश न्यायालय ने चंद्रपुर सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. अशोक नितनवरे को दिए हैं। जिससे डेरा आंदोलन को सफलता मिलने की जानकारी जनविकास सेना के अध्यक्ष पप्पू देशमुख ने दी। विधिज्ञ एड. नीरज खांदेवाले ने उच्च न्यायालय में आंदोलनकर्ता कामगारों का पक्ष रखा।

कोरोना के दौर में बकाया वेतन के लिए जनविकास असंगठित कामगार कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पप्पू देशमुख के नेतृत्व में चंद्रपुर कार्यालय के सामने पीड़ित कामगाराें का डेरा आंदोलन शुरू है। अनेक माह बीतने के बावजूद वैद्यकीय महाविद्यालय ने आंदोलनकर्ता कामगारों का बकाया वेतन अदा नहीं किया है। कामगारों के जगह पर नए कामगारों की िनयुक्ति की। इसके विरोध में आंदोलनकर्ता कामगारों ने चंद्रपुर के औद्योगिक न्यायालय में गुहार लगाई थी। 20 अप्रैल को चंद्रपुर के औद्योगिक न्यायालय ने इस मामले में अंतरिम आदेश देते समय सभी कामगारों का बकाया वेतन 30 दिनों में औद्योगिक न्यायालय में जमा करें। आंदोलनकर्ताओं की जगह पर लिए नए कामगारों को काम से कम कर उन्हें पूर्ववत किया जाए ऐसे आदेश वैद्यकीय महाविद्यालय को दिए थे।

 औद्योगिक न्यायालय में विधिज्ञ एड. प्रशांत खजांची व उनके सहयोगी एड. मोहन निब्रड ने कामगारों का पक्ष रखा। औद्योगिक न्यायालय के आदेश के विरोध में वैद्यकीय महाविद्यालय ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में अपील की। 22 जून को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने सभी कामगारों का बकाया वेतन 2 सप्ताह में न्यायालय में जमा करने के आदेश चंद्रपुर के वैद्यकीय महाविद्यालय को दिए हैं।  मामले की आगे की सुनवाई 6 जुलाई को होगी, लेकिन अगले सप्ताह कामगारों का बकाया वेतन मिलना अब लगभग निश्चित माना जा रहा है। इस संबंध में देशमुख ने कहा कि, यह आंदोलन को बड़ी सफलता है, लेकिन जब तक बकाया वेतन नहीं मिलता व कामगारों को पूर्ववत काम पर नहीं लिया जाता और दोषी अधिकारियों को सजा नहीं होती तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
 

Created On :   25 Jun 2022 6:47 PM IST

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