वनोद्यान की तर्ज पर बने गौमाता वनोद्यान

Gaumata Vanodyan made on the lines of Vanodyan
वनोद्यान की तर्ज पर बने गौमाता वनोद्यान
चंद्रपुर वनोद्यान की तर्ज पर बने गौमाता वनोद्यान

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । भुखमरी व क्रूरता रोकने के लिए वनउद्यान की तर्ज पर गोमाता वनउद्यान बनाने की मांग कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद नरेश पुगलिया ने वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार से की है। इस गोमाता वनउद्यान के निर्मिती के लिए राज्य के वनविभाग ने अगुवाई करें। इसपर गंभीरता से सकारात्मक विचार कर यह योजना अमल में लाएं। महाराष्ट्र के वनमंत्री चंद्रपुर जिले के होने से इसकी शुरूवात चंद्रपुर से हो, ऐसी अपेक्षा मंगलवार को आयोजित पत्रकार परिषद में पुगलिया ने व्यक्त की। 

श्री पुगलिया ने बताया कि, इस संबंध में वनमंत्री को विस्तृत ज्ञापन दिया है। इसपर उन्होंने पर सकारात्मक आश्वासन दिया है। महाराष्ट्र में जो 10 वर्ष से अधिक समय वाले संस्थाएं है और वहां सैंकड़ों गाय है, ऐसे संस्थाओं को वनविभाग ने जमीन उपलब्ध कराकर दें। जिन गौरक्षण संस्था में 100 गाय है, उन्हें 10 एकड वनजमीन, 500 गाय के लिए 50 एकड वनजमीन व 1000 गाय के लिए 100 एकड वनजमीन के तहत गौ पालन के लिए वनविभाग ने दे। जिस प्रकार से चंद्रपुर जिले के राजुरा में 30 एकड जमीन वनउद्यान निर्माण किया है। जमीन का मालिकाना अधिकार वनविभाग के पास है। परंतु विधायक अथवा सांसद निधी, रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से व सरकार के अन्य योजना से राजुरा का वनउद्यान आज खड़ा है।

वर्ष 2002 से राजुरा शहर की जनता के लिए उपलब्ध है। शहर के वरिष्ठ नागरिक व अन्य लोगों को मार्निंग -वॉक व इव्हिनिंग वॉक के लिए उपलब्ध है। उसमें खेल की सामग्री, वॉकींग ट्रैक, स्ट्रीट लाईट व प्रसाधन गृह उपलब्ध है। हर वर्ष वृक्षारोपन के माध्यम से अन्य जाती के पेड, फुल व फल के पेड लगाए जाते है। उसका संवर्धन भी किया जाता है। इसी तर्ज पर गोमाता वन उद्यान के लिए जिम्मेदारी से चल रही गौरक्षण संस्थाओं को वन जमीन उपयोग के लिए उपलब्ध कराकर देने पर गौमाताओं को लगनेवाला चारा, पानी व खुली जगह उद्यान के माध्यम से राज्य में उपलब्ध होने पर उसपर मौजूद पेड व जमीन को बाड करने पर सागवान व अन्य प्रजाती के पौधे लगाना आवश्यक होगा। इन पेडों व जमीन का मालिकाना हक वनविभाग का रहेगा। इस जगह बाड, शेड, टुयूबवेल / खुला कुआं व बिजली आपूर्ति (इलेक्ट्रीक कनेक्शन) संस्था को करने की अनुमती दी जाए। इस बहाने जंगल की पडीत जमीन अथवा झुडपी जंगल की जगह का उचित उपयोग होगा। गौमाता को लगनेवाला चारा, पानी व घुमने के लिए उपयोग होगा। राज्य के लाखो गोधन को संरक्षण मिलेगा व उसकी उपजिवीका व जतन होगा। गाय के धून व मल-मुत्र का उचित उपयोग भी होगा। उधर कांग्रेस के सांसद पर राकांपा के वरिष्ठ नेता द्वारा लगाए गए आरोप पर पुगलिया ने नो-कमेन्ट कहा। 

Created On :   30 Nov 2022 12:57 PM IST

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