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छुट्टियों में गड़चिरोली के पर्यटन स्थल हाेने लगे गुलजार
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। दीपावली के दिनों में स्कूल और महाविद्यालयों में अवकाश रहता है। इस कारण अनेक लोग दिवाली की छुट्टियां बाहर मनाते हैं। गड़चिरोली जिले के चामोर्शी तहसील में विदर्भ की काशी मार्कंडादेव में पुरातन शिवमंदिर है। वैसे तो वैनगंगा नदी दक्षिण वाहिनी है। किंतु मार्कंडादेव क्षेत्र में यह नदी उत्तर वाहिनी हो जाती है। इससे यह स्थल पवित्र माना जाता है। इस कारण सालभर अनेक श्रद्धालु व पर्यटक यहां भेंट देते हंै। इससे दीपावली के दिनों में अवकाश रहने के कारण अनेक लोग यह पर्यटन स्थल को देखने के लिए आ रहे हंै। यह जिले का प्रमुख पर्यटनस्थल होने के कारण जिले में आनेवाले लोगों के लिए यह क्षेत्र लुभावना होता है। इसी के साथ तहसील की मुतनूर पहाड़ी पर्यटनस्थल का उत्तम नमूना है।
सिरोंचा तहसील से सटे कालेश्वर, सिरोंचा के सोमनूर संगम, जिवाश्म पार्क, अहेरी तहसील के कमलापूर का हाथीकैम्प, आलापल्ली का ग्लोरी ऑफ आलापल्ली, चपराला, भामरागड़ का हेमलकसा, त्रिवेणी संगम, बिनागुंडा वाटरफाल, कोरची तहसील का टिप्पागड़ आदि स्थानों पर पर्यटक भेंट देते नजर आ रहे हैं। इससे जिले के पर्यटनस्थलों पर भी लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है। जिले में विभिन्न समस्याओं का अंबार लगा है। इसमें प्रमुख समस्या रोजगार की है। यहां बेरोजगारों की काफी संख्या है।
सरकार व प्रशासन द्वारा बेरोजगारी की समस्या को मिटाने के लिए अनेक कौशल प्रशिक्षण आदि उपक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे में पर्यटन विकास के माध्यम से भी जिले के अनेक नागरिकों को रोजगार मिल सकता है। इससे उक्त परिसर के छोट-मोटे दुकानदारों को इस माध्यम से रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। फलस्वरूप उक्त परिसर का भी विकास हो सकता है। प्रकृति ने इस जिले को अपने अप्रतिम कारीगर से नवाजा है। इस कारण गड़चिरोली जिला राज्य का सबसे हराभरा व प्रकृति संपन्न जिला है। इस जिले में अनेक प्राकृतिक पर्यटनस्थल हैं। जिसके पर्यटन स्थलों के विकास की ओर सरकार द्वारा उपेक्षा होने के कारण यहां का पर्यटन विकास अब तक नहीं हो पाया है। जिले के उत्तरी छोर पर कोरची तहरसील के टिप्पागड़ पहाड़ी पर स्थित तालाब पर्यटकों को आकर्षित करता है।
Created On :   2 Nov 2022 3:04 PM IST