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अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे गड़चिरोली के पर्यटन स्थल
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । यूं तो गड़चिरोली जिले को आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित और अतिपिछड़ा जिले के रूप में पहचाना जाता है। मात्र इस जिले में पर्यटनस्थलों की कोई कमी नहीं है। मात्र जिले का इतिहास बया करनेवाले पर्यटन स्थल आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाते दिखाई दे रहे हैं। फलस्वरूप जिला प्रशासन पर्यटनस्थलों को विकास संदर्भ में गंभीरता से निर्णय लेकर जिले को लाखों रुपए का राजस्व प्राप्त कराने वाले पर्यटन स्थलों का विकास करें, ऐसी मांग जिले के नागरिकों द्वारा की जा रही है। जिले के दक्षिण छोर पर बसे सोमनूर पर्यटनस्थल के विकास की ओर सरकार द्वारा अनदेखी की जा रही है। इस स्थल का विकास करने पर यहां पर पर्यटकों की भीड़ निर्माण होकर यहां के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध होने में बड़ी मदद होगी। मात्र सरकार इस स्थल के विकास की ओर अनदेखी होने से नागरिकों में नाराजगी व्यक्त की जा रही है।
गोदावरी, प्राणहिता, इंद्रावती इन बारह माह बहनेवाले त्रिवेणी संगम पर बसा यह स्थल विकास से कोसो दूर है। आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित नयनाभिराम स्थल का विकास करें, ऐसी मांग इस परिसर के नागरिकों ने की है। यही स्थिति जिले के आरमोरी तहसील के वैरागड, चामोर्शी तहसील के मार्कंडादेव, चपराला, कुरखेडा तहसील के खोब्रमेंढा, अरततोंडी, भामरागढ़ तहसील के बिनागुंडा, कोरची तहसील के टिपागड़ आदि पर्यटनस्थल विकास की प्रतीक्षा में है। यहां बता दें कि, जिले में किसी भी तरह का उद्योग नहीं है। पर्यटनस्थलों का विकास करने पर क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल सकता है।
साथ ही सरकार के राजस्व में भी इजाफा हो सकता है। किंतु पिछले अनेक वर्षंाे से पर्यटनस्थलों का विकास करने की ओर बेध्यानी की जा रही है। जिसके कारण लोगों को रोजगार से वंचित रहना पड़ रहा है। अनेक लोग रोजगार की तलाश में बाहर राज्यों में जाते दिखाई दे रहे हंै। फलस्वरूप सरकार इन पर्यटनस्थलों की ओर गंभीरता से ध्यान देकर उपेक्षित पर्यटनस्थलों का विकास करें, ऐसी मांग जिलावासियों द्वारा की जा रही है। उधर अहेरी तहसील के ग्राम कमलापुर में वनविभाग का हाथी कैम्प मौजूद है। यहां पर भी प्रति दिन दर्जनों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हंै। मात्र विभाग द्वारा पर्यटकों के लिए कोई बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं कराने से यह स्थल भी अपेक्षा का शिकार बन रहा है। इस पर्यटन स्थल पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
Created On :   23 Aug 2022 3:42 PM IST