पर्यटन संचालनालय की महोत्सव सूची सेे गड़चिरोली नदारद

Gadchiroli missing from the festival list of Directorate of Tourism
पर्यटन संचालनालय की महोत्सव सूची सेे गड़चिरोली नदारद
20 जिलों में नहीं मिला स्थान पर्यटन संचालनालय की महोत्सव सूची सेे गड़चिरोली नदारद

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन संचालनालय ने हाल ही में राज्य के 20 जिलों के 20 पर्यटन स्थलों का विकास करने के लिए संबंधित स्थलों पर पर्यटन महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस आशय की एक सूची सरकार द्वारा जारी की गयी है। इस सूची में आदिवासी बहुल व नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले का नाम गायब है। विदर्भ की काशी के रूप में परिचित चामोर्शी तहसील के मार्कंडा देवस्थान में यदि इस तरह का महोत्सव आयोजित किया जाता है तो यकिनन मंदिर के विकास के साथ स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो पाता। लेकिन पर्यटन संचालनालय ने विदर्भ की काशी के साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार किया है।

बता दें कि, भारतीय पुरातत्व विभाग ने मार्कंडा देवस्थान के जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी ली है। लेकिन वर्ष 2016 से अब तक मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। पिछले 2 वर्ष से चल रहे कोरोना संक्रमण के कारण महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में मंदिर क्षेत्र में आयोजित की जाने वाली यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा है। इस वर्ष भी प्रतिबंध के कारण मार्कंडा देवस्थान में किसी तरह के मेले का आयोजन नहीं किया गया। पर्यटन संचालनालय के माध्यम से मंदिर में महोत्सव का आयोजन किया जाता तो यकिनन मार्कडा के विकास में मदद मिलती और लोगों को रोजगार उपलब्ध होता। 

पर्यटन प्रेमियों के लिए निराशाजनक फैसला 
मार्कंडा देवस्थान पूरे प्रदेश में काशी के रूप में परिचित है। इस मंदिर का विकास वर्षों  से अधर में पड़ा है। पर्यटन महोत्सव के माध्यम से मंदिर को अलग पहचान मिल सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। सरकार का यह फैसला पर्यटन प्रेिमयों के साथ आम लोगों के लिए निराशाजनक है।  - अनिल तिडके, पर्यटन प्रेमी

यह विदर्भ के साथ अन्याय 
महोत्सव में मार्कडा का समावेश करना आवश्यक था। लेकिन ऐसा न करते हुए बार फिर अन्याय हुआ है। आदिवासी जिला होने से एक बार फिर विचार कर मार्कंडा़  का समावेश महोत्सव की सूची में शामिल करने की जरूरत है।  - गजानन भांडेकर, अध्यक्ष मार्कंडेश्वर देवस्थान ट्रस्ट, मार्कंडा देवस्थान 

राज्य सरकार की मनमानी  
तत्कालीन वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मार्कंडा देवस्थान के विकास के लिए करोड़ों रुपए की  निधि उपलब्ध करवाई थी। लेकिन राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार मनमानी कार्य के कारण मार्कंडा  देवस्थान का नाम समाविष्ट न करना अन्यायकारक है। - कृष्णा गजबे, विधायक आरमोरी 

बेरोजगारों को मिल सकता था रोजगार 
विकास की दृष्टि से महोत्सव सूची में मार्कंडा देवस्थान का समावेश करना जरूरी था।  - रामदास जराते, शेकाप नेता गड़चिरोली


 

Created On :   17 March 2022 4:24 PM IST

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