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जाड़े में भी पानी के लिए मचा हाहाकार
डिजिटल डेस्क, अहेरी(गड़चिरोली)। । आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले के ग्रामीण इलाकों में जिला परिषद के तहत ग्राम पंचायत की ओर से जलापूर्ति योजनाएं क्रियान्वित की गयी है। मात्र अधिकांश योजनाएं विभिन्न कारणों के चलते बंद अवस्था में पड़ी है। इस कारण क्षेत्र में भीषण जलसंकट गहराने लगा है। वर्तमान में शीतकाल का दौर शुरू होने के बाद भी ग्रामीणों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। इस ओर वरिष्ठों का ध्यान नहीं है। फलस्वरूप लोगों में असंतोष व्याप्त है। गड़चिरोली पंचायत समिति अंतर्गत पोटेगांव व येवली की जलापूर्ति योजना की देखभाल, दुरुस्ती का प्रस्ताव ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के पास तकनीकी मंजूरी के लिए पड़ा है। ग्रामीण जलापूर्ति विभाग गड़चिरोली अंतर्गत येल्ला, विवेकानंदपुर व मुलचेरा की 3 नल योजनाएं बंद होने की जानकारी है। अहेरी तहसील में 8 जलापूर्ति योजनाओं में से केवल 2 योजना शुरू होकर 6 योजना बंद होने की जानकारी है।
बंद पड़ी 6 नल योजनाओं में जिमलगट्टा की योजना जलस्वराज्य प्रकल्प की है। इसका बजट तैयार कर मुख्य वित्त व लेखा अधिकारी के पास पेश किया गया है। महागांव की बंद नल योजना राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना में समाविष्ट की गई है। उधर, सिरोंचा तहसील की 15 जलापूर्ति योजनाओं में से 10 जलापूर्ति योजना शुरू होकर 5 योजना बंद होने की जानकारी मिली है। दुरुस्ती के अभाव से 1 जलापूर्ति योजना बंद पड़ी है। बिजली आपूर्ति के अभाव में 4 जलापूर्ति योजना बंद पड़े हैं। नरसिंहपल्ली व विट्ठलरावपेठा में बिजली बिल न भरे जाने के कारण तथा बंद योजना की मरम्मत के लिए बजट पेश न किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। एटापल्ली तहसील के 4 जलापूर्ति योजना में से 2 योजना शुरू है। 2 योजना बिजली आपूर्ति का अभाव तथा दुरूस्ती के अभाव से बंद पड़ी है। कसनसूर व गेदा की जलापूर्ति योजना बंद होने से इन गांवों के नागरिकों को पीने के पानी के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है। यह योजना जलस्वराज्य प्रकल्प अंतर्गत किए जाने की जानकारी मिली है। भामरागड़ तहसील के लाहेरी की जलापूर्ति योजना बंद है। कुरखेड़ा उपविभाग के नान्ही, वासाला, देलनवाडी ऐसे 3 नल जलापूर्ति योजना बंद होने की जानकारी ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के उपविभागीय अभियंता ने दी है। आरमोरी तहसील के देऊलगांव के जलापूर्ति योजना का काम अब तक अपूर्ण अवस्था है। वर्तमान में शीतकाल का दौर शुरू है। इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
Created On :   1 Dec 2022 2:29 PM IST