गड़चिरोली नहीं बन पायी स्मार्ट सिटी, 6 वर्ष से प्रस्ताव अधर में

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया का विजन बनाते हुए सभी शहरों और गांवों को स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत भारत संचार निगम लिमिटेड के गड़चिरोली विभाग द्वारा जिले के विभिन्न 14 स्थानों पर वाई-फाई हॉटस्पॉट परियोजना आरंभ करने का एक प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन निधि के अभाव में यह योजना विगत छह वर्षों से लंबित पड़ी हुई है। फलस्वरूप जिले के शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में जोड़ पाना मुश्किल हो रहा है। उल्लेखनीय यह हैं कि, जिले में एक सांसद और तीन विधायक कार्यरत हैं। लेकिन उनके द्वारा भी इस ओर उदासीन नीति अपनाये जाने से वाई-फाई हॉटस्पॉट परियोजना का कार्य अधर में लटका पड़ा हुआ है।
गड़चिरोली जैसे आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित जिले में कैशलेस व्यवहार को और अधिक गति देने के लिये विभिन्न 14 स्थानों पर फ्री वाईफाई हॉटस्पॉट परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया। इसमें गड़चिरोली शहर के इंदिरा गांधी चौक, जिलाधीश और जिला परिषद कार्यालय, चामोर्शी मार्ग पर ठाकरे चौक, शहर बस डि़पो और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक, श्रीक्षेत्र सेमाना देवस्थान, चंद्रपुर मार्ग का करगिल चौक, माऊंट कारमेल हाईस्कूल, देसाईगंज स्थित बस स्थानक, फव्वारा चौक, चामोर्शी स्थित तहसील कार्यालय, चामोर्शी बस स्थानक, मुलचेरा स्थित तहसील कार्यालय और चामोर्शी तहसील के आष्टी स्थित मुख्य चौक में वाईफाई हॉटस्पॉट लगाने की परियोजना बनायी गयी थी।
दूरसंचार विभाग के अनुसार इस परियोजना के 1 वाई-फाई हॉटस्पॉट के लिये प्रति वर्ष 3 लाख 80 हजार रुपए का खर्च अपेक्षित है। हिसाब लगाया जाये तो उक्त सभी 14 वाई-फाई हॉटस्पॉट के लिये प्रति वर्ष 53 लाख 20 हजार रुपए की निधि की आवश्यकता है। एक हॉटस्पॉट की रेंज करीब 250 मीटर तक बतायी गयी है। जिले के विभिन्न 14 स्थानों पर फ्री वाई-फाई हॉटस्पॉट की योजना महत्वाकांक्षी है। परियोजना के आरंभ होने पर तय क्षेत्र के 250 मीटर के दायर में लोग फ्री वाई-फाई सेवा का लाभ उठा पायेंगे। फिलहाल केंद्र और राज्य सरकार कैशलेस व्यवहार पर जोर डाल रहीं है। सभी आर्थिक व्यवहार कैशलेस कर देश को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन जिले के अधिकांश स्थानों पर दूरसंचार की सेवा ही उपलब्ध नहीं है। कैशलेस व्यवहार के लिये इंटरनेट सेवा की महत्वपूर्ण भूमिकाहै, लेकिन अनेक स्थानों पर यह सेवा आरंभ नहीं होने तथा विभाग के महत्वकांक्षी परियोजना को आरंभ करने निधि का आवंटन नहीं किये जाने से प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया का विजन गड़चिरोली जिले में विफल साबित होते दिखायी दे रहा है।
Created On :   3 Feb 2023 3:00 PM IST